गुमला. तुलसी की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं, और यह कई पोषक तत्वों से भरपूर होती है. विशेष रूप से सर्दियों के मौसम में इसका अधिक उपयोग किया जाता है. सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों को दूर करने में यह बेहद प्रभावी है. सर्दियों में तुलसी के पत्तों से बनी चाय पीने से लाभ मिलता है. गले में खराश, सर्दी-खांसी जैसी आम समस्याओं से निजात पाने के लिए तुलसी की चाय का सेवन करना फायदेमंद है.
आयुर्वेद चिकित्सक डॉ. पंकज कुमार ने Bharat.one को बताया कि तुलसी केवल एक पौधा नहीं, बल्कि औषधीय गुणों से भरपूर है. तुलसी को मां के रूप में पूजा जाता है क्योंकि इसमें विभिन्न औषधीय तत्व होते हैं. तुलसी का सेवन कई असाध्य रोगों को दूर करने में मदद करता है.
आयुर्वेद में तुलसी का महत्व
अगर आप रोजाना तुलसी के पत्तों की चाय या काढ़े का सेवन करते हैं, तो कई रोगों से बचा जा सकता है. तुलसी के काढ़े में दालचीनी, इलायची, लौंग, काली मिर्च और गुड़ डालकर सेवन करने से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और मेटाबॉलिज्म भी बेहतर रहता है. नियमित रूप से तुलसी का सेवन करने से सर्दी, खांसी, जुकाम, पाचन समस्याएं और बुखार जैसी शिकायतों से बचा जा सकता है.
तुलसी का सेवन और स्वास्थ्य लाभ
तुलसी के पत्ते का सेवन शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. इसका नियमित सेवन करने से कैंसर जैसे गूढ़ रोगों में भी फायदा मिलता है. आयुर्वेद के अनुसार, तुलसी के रस का नियमित सेवन कैंसर रोगियों की रिकवरी में सहायक होता है.
तुलसी का धार्मिक महत्व
तुलसी की माला या जड़ को चंदन की तरह घिसकर लगाने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है. तुलसी का उपयोग सर्दी, खांसी, जुकाम जैसी समस्याओं में तो होता ही है, लेकिन यह कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों में भी फायदेमंद है. डॉ. पंकज ने कहा कि हर घर में तुलसी का पौधा होना चाहिए और इसका रोजाना सेवन करना चाहिए. तुलसी हमारे स्वास्थ्य के लिए अमृततुल्य है और इसका तुलनात्मक अध्ययन नहीं किया जा सकता. इसलिए, चिकित्सा और पूजा दोनों दृष्टिकोण से तुलसी को विशेष महत्व दिया गया है.
FIRST PUBLISHED : January 7, 2025, 03:03 IST
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