हैदराबाद. जब भी जयपुर का नाम आता है, तो दिमाग में अरावली की पहाड़ियां, गुलाबी शहर की भव्य हवेलियां और राजसी वास्तुकला घूमने लगती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में भी एक जयपुर बसा है? मंचेरियल जिले में स्थित यह जयपुर भले ही राजसी ठाठ-बाट के लिए मशहूर न हो, लेकिन अपनी औद्योगिक ताकत और प्राकृतिक सुंदरता के कारण इसे क्षेत्र का पावर हाउस कहा जाता है. हैदराबाद से करीब 245 किलोमीटर दूर स्थित जयपुर अपनी विशाल बिजली परियोजनाओं के लिए जाना जाता है.
नदियों और जंगलों की गोद में बसा है शहर
प्राकृतिक दृष्टि से भी यह क्षेत्र बेहद समृद्ध है. प्राणहिता और गोदावरी नदियों के बेसिन में बसे होने के कारण यहां की भूमि उपजाऊ है और चारों ओर हरियाली फैली हुई है. कवल वन्यजीव अभयारण्य के नजदीक होने से यहां के जंगल जैव विविधता से भरपूर है. मानसून के दौरान यह इलाका किसी हिल स्टेशन से कम नहीं लगता, जो इसे प्रकृति प्रेमियों और फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए खास बनाता है.
इतिहास और संस्कृति की दिखती है अनोखी झलक
पर्यटन के नए अवसरों की बनती जा रही है उम्मीद
अगर आप भीड़-भाड़ से दूर एक शांत और अलग तरह की रोड ट्रिप की तलाश में हैं, तो तेलंगाना का जयपुर एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है. यहां का शांत ग्रामीण जीवन और अत्याधुनिक औद्योगिक संयंत्रों का अनोखा संगम देखने लायक है. अब सरकार भी इस क्षेत्र में इंडस्ट्रियल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर विचार कर रही है, ताकि लोग बिजली उत्पादन और औद्योगिक प्रक्रियाओं को नजदीक से देख सकें.
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