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धरती पर हाथियों के लिए स्वर्ग…जयपुर आएं और हाथी गांव न देखें तो समझिए सफर अधूरा, गुलाबी नगरी की अनोखी कहानी

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जयपुर. जयपुर दुनियाभर में अपनी ऐतिहासिक इमारतों और किलों महलों के लिए जितना प्रसिद्ध हैं उतना ही यहां की सफारियों और राइडिंग के लिए फेमस हैं इसलिए पर्यटक जयपुर सबसे ज्यादा घूमने पहुंचे हैं. जयपुर ऐसा अनोखा शहर हैं जहां पर्यटक एक ही शहर में टाइगर, लॉयन, लेंपड की सफारी के साथ ऊंट, हाथी और घोड़े की सवारी कर सकते हैं. ऐसे ही जयपुर के आमेर में स्थित हांथी गांव जो अपनी एलीफेंट राइडिंग के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं जयपुर में पर्यटक कही भी घूमने आए लेकिन वह हाथी गांव देखना नहीं भूलते हैं.

जयपुर के आमेर में स्थित हाथी गांव भारत और राजस्थान का पहला हाथी गांव है, जहां पर्यटक हाथियों की सवारी करने के लिए पहुंचते हैं.  हाथी गांव आमेर किले के पास स्थित 140 बीघा में फैला अनोखा गांव हैं. जिसे 2008 में हाथियों के संरक्षण के लिए बसाया गया था. जो अब टूरिस्ट हब के रूप में प्रसिद्ध हो गया हैं, हाथी गांव में पर्यटक एक ही जगह पर 75 हाथियों को एक साथ देख सकते हैं. पर्यटकों के अलावा हाथी गांव में खासतौर पर स्टूडेंट्स हाथियों की जीवन शैली को बिल्कुल बारिकी से जानने के लिए यहां पहुंचते हैं. हाथी गांव में हथनियों को चंदा, पुष्षा, हेमा, लक्ष्मी जैसे अलग-अलग नाम दिए गए हैं.

जिससे उनकी पहचान और भी खास बन जाती हैं. इस हाथी गांव से 15 हजार लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी हुई है, यहां हाथियों के साथ पीढ़ी दर पीढ़ी महावत और उनके परिवार के लोग हाथियों के साथ रहते आ रहे हैं. जो करीब 350 साल पहले कछवाहा राजवंश के लिए उनके पुरखे राजा महाराजाओं के लिए महावतों का काम करते थे. जिसमें वह हाथियों की देखभाल से लेकर हाथियों को ट्रेनिंग हर प्रकार की ट्रेनिंग देते थे. उसी काम को आज भी महावतों ने पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ा रहें हैं.

हाथी गांव में हाथी करते हैं पर्यटकों का मनोरंजन
हाथी गांव में स्थित सभी हाथी विशालकाय हैं कुछ हाथी तो ऐसे हैं जो किसी समय युद्ध के मोर्चे पर तैनात रहते थे लेकिन अब वह पर्यटकों के लिए शाही सवारी और मंनोरंजन काम करते हैं हाथी गांव में पर्यटक हाथियों की सवारी के साथ यहां हाथियों को मस्ती कर सकते हैं पर्यटकों को यहां हाथीयों को नहला सकते हैं उन्हें खाना खिला सकते हैं, उनके साथ वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कर सकते हैं.

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आमेर में स्थित हाथी गांव हाथियों के लिए किसी जन्नत से कम नहीं हैं. यहां हाथियों के लिए सभी सुविधाएं हैं, यहां हाथियों के लिए अलग-अलग बड़े बड़े कमरे हैं जिन्हें 20 ब्लॉक में बांटा गया है. साथ ही हाथियों के नहाने के लिए गांव के अंदर ही एक कृत्रिम तालाब का बनाया हुआ है. हाथियों के लिए गांव में हर दिन कई टन गन्ना, ज्वार, बाजरा केले, मतीरे आदि फल लाए जाते हैं. एक हाथी को पालने के लिए हर दिन 3 से 4 हजार रुपए खर्च आता हैं. साथ ही गांव में ही हाथियों के स्वास्थ्य के लिए विशेष रूप से एक मेडिकल टीम भी हमेशा उपलब्ध रहती है. हाथी गांव के हाथी हर दिन आमेर किले पर पर्यटकों को शाही सवारी करवाते हैं जिसका शुल्क 11 रूपए हैं.

दुनियाभर की नामचीन हस्तियों कर चुकी हैं शाही सवारी 
हाथी गांव के हाथी और हथनियां पर्यटकों के अलावा दुनियाभर की नामचीन हस्तियां जिसमें बड़े बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्ष तक को यहां के हाथी शाही सवारी कर चुके हैं हाथी गांव के हाथीयों ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बिल क्लिंटन, उपराष्ट्रपति जेडी वेंस और कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों का भव्य स्वागत किया हैं जो उनके लिए किसी यादगार पर से कम नहीं रहा. राष्ट्राध्यक्षों के अलावा हाथी गांव में बॉलीवुड सेलिब्रिटीज से लेकर बड़े खिलाड़ी, बिजनेसमैन और तमाम दिग्गज हस्तियां एलिफेंट राइडिंग कर चुकी हैं.

अगर बात करें हाथी गांव को देखने के शुल्क की तो यहां हाथी देखने के लिए भारतीय नागरिकों के लिए यह शुल्क 50 रूपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 300 रूपये हैं और पर्यटक अगर एलिफेंट राइडिंग का आंनद लेना चाहते हैं तो हाथी गांव में इसके लिए 1500 रूपये का शुल्क लगता हैं जिसमें एक बार एलिफेंट राइडिंग में हाथी पर बैठाकर सैलानी को पूरे हाथी गांव का चक्कर लगवाया जाता है. हाथी गांव में हर मौसम में एलीफेंट राइडिंग का समय बदलता हैं लेकिन सामान्य रूप से पर्यटक सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक यहां एलीफेंट राइडिंग कर सकते हैं.


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https://hindi.news18.com/news/lifestyle/travel-heaven-for-elephants-on-earth-if-you-come-to-jaipur-and-do-not-see-elephant-village-then-consider-journey-incomplete-unique-story-of-pink-city-local18-9512296.html

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