Home Travel हैदराबाद श्री राम मंदिर चिक्कड़पल्ली की अनोखी कहानी और स्थापत्य कला.

हैदराबाद श्री राम मंदिर चिक्कड़पल्ली की अनोखी कहानी और स्थापत्य कला.

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हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली में स्थित श्री राम मंदिर केवल ईंट और पत्थर का नहीं, बल्कि एक व्यक्ति की अटूट आस्था और 14 साल की तपस्या का प्रतीक है. सब्जी विक्रेता माधव रेड्डी ने स्वप्न में भगवान राम के दर्शन के बाद अकेले ही इस भव्य मंदिर का निर्माण किया, बिना किसी दान या संगठन की मदद के. उनके हाथों की नक्काशी और लगन आज इस मंदिर को भक्ति और शांति का अद्भुत स्थल बनाती है.

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हैदराबाद. अपनी ऐतिहासिक इमारतों और सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाने वाला हैदराबाद, एक ऐसे राम मंदिर का घर भी है जिसकी कहानी उतनी ही विलक्षण है, जितनी उसकी स्थापत्य कला. यह मंदिर है श्री राम मंदिर, चिक्कड़पल्ली, यह मंदिर अपने 14 साल के निर्माण काल और उसके पीछे छिपी अद्भुत भक्ति की कहानी के लिए प्रसिद्ध है.

कहानी की शुरुआत 1960 के दशक में होती है हैदराबाद के चिक्कड़पल्ली इलाके में रहने वाले एक साधारण व्यक्ति श्री कुंचा माधव रेड्डी को स्वप्न आया. कहा जाता है कि स्वप्न में भगवान राम ने उन्हें दर्शन दिए और एक मंदिर बनाने का आदेश दिया. माधव रेड्डी पेशे से सब्जी विक्रेता थे, उनके पास न तो अकूत धन था और न ही कोई बड़ा संगठन. उनके पास केवल एक चीज़ थी अटूट विश्वास और भगवान के प्रति अगाध संकल्प.

एक अकेले व्यक्ति का साहसिक सफर
अपने इस संकल्प के साथ माधव रेड्डी ने 1972 में अकेले ही मंदिर का निर्माण शुरू किया. उन्होंने न तो किसी से दान मांगा और न ही किसी संस्था से मदद ली. दिन में सब्जी बेचते और शाम को मंदिर की एक-एक ईंट खुद जोड़ते. पैसे बचाकर वह सामग्री जुटाते और अपने हाथों से उसे लगाते, यह प्रक्रिया दिन-ब-दिन, साल-दर-साल चलती रही. यह कोई साधारण इमारत नहीं थी. माधव रेड्डी ने इसे दक्षिण भारतीय शैली में विस्तृत नक्काशी और शिल्प कला से सजाने का सपना देखा. उन्होंने खुद पत्थरों को तराशा, मूर्तियां उकेरीं और दीवारों पर जटिल डिजाइन बनाए. यह एक व्यक्ति का एक साथ मूर्तिकार, वास्तुकार और श्रमिक का कार्य था.

1986 में पूरी तरह तैयार हुआ यह मंदिर 
शुरुआत में आसपास के लोग उनके इस जुनून को हैरानी से देखते थे, लेकिन धीरे-धीरे उनकी निष्ठा और लगन देखकर लोग प्रभावित हुए. आखिरकार, 14 साल की अथक मेहनत और तपस्या के बाद, 1986 में यह मंदिर पूरी तरह तैयार हुआ. मंदिर की सबसे बड़ी खासियत इसकी हाथ से की गई नक्काशी है. हर एक पत्थर और हर एक मूर्ति में श्री माधव रेड्डी की मेहनत और प्रेम झलकता है. चिक्कड़पल्ली के व्यस्त इलाके में स्थित यह मंदिर भक्ति और शांति का एक नखलिस्तान है. यह मंदिर किसी संगठन या बाहरी फंडिंग का नहीं, बल्कि एक इंसान की अटूट आस्था का जीवंत स्मारक है.

Monali Paul

Hello I am Monali, born and brought up in Jaipur. Working in media industry from last 9 years as an News presenter cum news editor. Came so far worked with media houses like First India News, Etv Bharat and NEW…और पढ़ें

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