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Sharad Purnima 2025 Date: सनातन परंपरा में जिस शरद पूर्णिमा पर चंद्रमा की रोशनी के साथ अमृत वर्षा की बात कही जाती है, वह कब पड़ेगी? इस दिन किस पूजा को करने पर चंद्र देवता के साथ भगवान श्री विष्णु और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद बरसता है, जानें पूजा विधि, मुहूर्त, महत्व.
Sharad Purnima Date: अश्विन माह की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. वैसे तो पूरे साल पड़ने वाली पूर्णिमा खास होती है. लेकिन, शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है. इस पूर्णिमा पर व्रत रखने का विधान है. शरद पूर्णिमा पर भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है. साथ ही अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा पर चंद्रदेव की भी उपासना की जाती है. आइए, उज्जैन के आचार्य पंडित आनंद भारद्वाज से जानते हैं कि कब है शरद पूर्णिमा और क्या महत्व है?
मान्यता है कि शरद पूर्णिमा वाले दिन चंद्रमा अन्य दिनों के मुकाबले ज्यादा प्रकाशवान होता है. यह भी मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा की किरणों से अमृत गिरता है. यह दिन और खास इसलिए भी हो जाता है, क्योंकि शरद पूर्णिमा की रात देवी लक्ष्मी धरतीलोक पर भ्रमण करती हैं. इस दिन जो धन की देवी की पूजा करता है, उसके ऊपर मां लक्ष्मी कृपा बरसती है.
कब है शरद पूर्णिमा?
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 06 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट के लगभग पर होगी. वहीं, इसका समापन अगले दिन यानी 07 अक्टूबर को सुबह को 09 बजकर 16 मिनट के लगभग पर होगा. पंचांग गणना के आधार पर, चूंकि पूर्णिमा का उदय और चंद्र दर्शन 6 अक्टूबर को होगा, इसलिए इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 06 अक्टूबर को मनाया जाएगा. 6 अक्टूकर की रात को ही चंद्रमा की अमृत वर्षा करने वाली रोशनी में खीर रखने की परंपरा निभाई जाएगी.
शरद पूर्णिमा महत्व
हिंदू मान्यता के अनुसार शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की अमृत किरणों का शरीर पर पड़ना बेहद शुभ माना गया है. एक ओर जहां चंद्रमा की शुभ किरणें हमारे मन को शांत करते हुए आनंद देती हैं तो वहीं दूसरी ओर चंद्र देवता, माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की पूजा से सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा की अमृत किरणों में खीर को रखकर उसका दूसरे दिन सेवन करने को सेहत और सौभाग्य के लिए वृद्धिदायक माना गया है.
शरद पूर्णिमा पर भूल से भी ना करे यह कार्य
– मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन जैसे मांस या मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं और व्यक्ति को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है.
– काला रंग अशुभता का प्रतीक नहीं माना गया है, इसलिए शरद पूर्णिमा के दिन काले कपड़े पहनने से बचना चाहिए. इस दिन सफेद कपड़े पहनना बहुत शुभ माना जाता है.
– शरदा पूर्णिमा के दिन घर में लड़ाई-झगड़े से बचना चाहिए. कहा जाता है कि इससे देवी लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं.
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म…और पढ़ें
एक दशक से अधिक समय से पत्रकारिता में सक्रिय. प्रिंट मीडिया से शुरुआत. साल 2023 से न्यूज 18 हिंदी के साथ डिजिटल सफर की शुरुआत. न्यूज 18 के पहले दैनिक जागरण, अमर उजाला में रिपोर्टिंग और डेस्क पर कार्य का अनुभव. म… और पढ़ें
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.