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Diwali Special Trip: इस दिवाली अगर आप रोमांचक ट्रिप का सोच रहे हैं तो कुंभलगढ़ अभयारण्य सफारी आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है. यहां फिर से सफारी शुरू हो चुकी है जहां पैंथर, भालू और सांभर जैसे वन्यजीवों से करीब से मुलाकात होगी. नेचर लवर्स और एडवेंचर प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं.
देरी से ही सही मगर दिवाली नजदीक आने के साथ ही राजस्थान के लोगो को शहर के शोर शराबे से दूर एक बेहतरीन जगह घूमने के मिल गई. कुंभलगढ़ अभयारण्य में जंगल सफारी फिर से शुरू हो गई है. इस बार सफारी को 14 दिन की देरी से शुरू हुई. बाली एडीएम शैलेंद्र सिंह और वन संरक्षक प्रमोद सिंह नरूका ने इसका शुभारंभ कया. इस देरी के दो मुख्य कारण थे, जिप्सी एसोसिएशन की हड़ताल और सितंबर तक हुई भारी बारिश से क्षतिग्रस्त हुए सफारी ट्रैक. मगर अब जब इसकी शुरूआत हो चुकी है तो पर्यटकों की चहल पहल भी शुरू हो चुकी है साथ ही एक अच्छा पर्यटन स्थल दिवाली पर लोगो को मिल गया है. दिवाली पर अपने परिवार के साथ आप यहां घूमने का प्लान बना सकते है.
आमतौर पर, हर साल बारिश का मौसम समाप्त होने के बाद 1 अक्टूबर से कुंभलगढ़ अभयारण्य में पर्यटकों के लिए जंगल सफारी शुरू कर दी जाती है. हालांकि, इस बार अत्यधिक बारिश के कारण जंगल में सफारी ट्रैक बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया था. वन विभाग सफारी शुरू करने से पहले ट्रैक की मरम्मत करवाता है, लेकिन सितंबर के अंत तक बारिश जारी रहने के कारण मरम्मत कार्य समय पर पूरा नहीं हो सका, जिससे 1 अक्टूबर की बजाय 14 अक्टूबर को सफारी शुरू हो पाई.
बारिशो के बाद जंगलों में हरियाली लौटने के साथ ही वन्यजीवों की चहल-पहल भी बढ़ जाती है. सफारी के दौरान पर्यटकों को पैंथर, भालू, सांभर और जंगली मुर्गे जैसे वन्यजीव देखने को मिलते हैं. खासकर जंगल के वॉटर होज पर इन जानवरों की गतिविधियां देखी जा सकती हैं. वन विभाग के अनुसार, बारिश के बाद पानी की पर्याप्त उपलब्धता और हरियाली के कारण जानवर खुले में अधिक दिखाई देते हैं.
हर साल मानसून के दौरान जुलाई से सितंबर तक सफारी का संचालन बंद रहता है. इसका मुख्य कारण ट्रैक पर फिसलन, कीचड़ और बारिश से रास्तों का क्षतिग्रस्त होना है. इस अवधि में पर्यटकों की सुरक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वन विभाग द्वारा सफारी रोक दी जाती है. देश-विदेश से बड़ी संख्या में सैलानी हर साल इस सफारी का आनंद लेने आते हैं.
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, एक सफारी ट्रिप के लिए जिप्सी किराया, गाइड शुल्क और विभागीय फीस सहित कुल खर्च लगभग 4600 रुपए तक बैठेगा। विभाग जल्द ही अपने ऑनलाइन पोर्टल पर शुल्क संरचना का विस्तृत विवरण जारी करेगा ताकि पर्यटक पहले से जानकारी लेकर बुकिंग कर सकें।
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