एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर
हालांकि हिमाचल के सोलन जिले में स्थित इस शिव मंदिर की स्थापना आज के समय में की गई है और इसे बनाने में 39 साल लग गए. इस शिव मंदिर के रहस्यों के बारे में आप जानेंगे तो आप अपने दांतों तले उंगली दबा लेंगे. दरअसल, इस शिव मंदिर को एशिया का सबसे ऊंचा शिव मंदिर कहा जाता है. इसे यहां जटोली शिव मंदिर के नाम से ख्याति प्राप्त है.
मंदिर के पत्थरों से आती है डमरू की आवाज
दक्षिण भारतीय शैली में बना मंदिर, ऊंचे शिखर पर है सोने का कलश
सोलन में पहाड़ की दुर्गम और सबसे ऊंची चोटी पर 111 फीट ऊंचा यह मंदिर एशिया के सबसे ऊंचे मंदिर का गौरव धारण कर खड़ा है. इस मंदिर को दक्षिण भारतीय शैली में निर्मित कराया गया है, जो उत्तर से दक्षिण के एकीकरण को दर्शाता है. इस मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर पर एक विशाल सोने का कलश है, जो इसकी खूबसूरती में चार चांद लगा देता है.
स्फटिक का बना है भव्य शिवलिंग
शिव की जटाओं से पड़ा इस मंदिर का नाम जटोली
ऐसा माना जाता है कि यह मंदिर कभी भगवान शिव का विश्राम स्थल हुआ करता था. इसके साथ ही भगवान शिव की लंबी जटाओं के कारण इसका नाम जटोली मंदिर पड़ा है.
इस जल कुंड के बारे में कहा जाता है कि जब स्वामी कृष्णानंद परमहंस यहां आए थे तो उन्होंने देखा कि सोलन में लोग पानी की समस्या से परेशान रहते हैं. कहते हैं इसके लिए उन्होंने महादेव का घोर तप किया और फिर यहां इस जल कुंड की उत्पत्ति हुई. इसके बाद से इस इलाके में कभी पानी की कमी नहीं हुई.
जटोली शिव मंदिर के निर्माण के पूरा होने के बाद भी इसे दर्शनार्थियों के लिए तुरंत नहीं खोला गया था, फिर साल 2013 में इसे शिव भक्तों के लिए खोल दिया गया.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/jatoli-shiv-mandir-story-history-in-hindi-sound-of-damru-comes-from-shiv-temple-stones-sawan-special-2025-ws-kl-9413407.html