Home Travel Junagadh Tourist Places List: शेरों की दहाड़ से लेकर 2200 साल पुराने...

Junagadh Tourist Places List: शेरों की दहाड़ से लेकर 2200 साल पुराने किले तक, जूनागढ़ के ये नजारे नहीं देखे तो क्या देखा?

0


Agency:Local18

Last Updated:

Junagadh Tourist Places List: जूनागढ़ ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों से भरपूर शहर है. यहां उपरकोट किला, बौद्ध गुफाएं, अशोक के शिलालेख, गिरनार जैन मंदिर, महाबत मकबरा, दातार पर्वत, विलिंग्डन डेम और सक्करबाग चिड़ियाघ…और पढ़ें

शेरों की दहाड़ से लेकर पुराने किले,जूनागढ़ के ये नजारे नहीं देखे तो क्या देखा?

जूनागढ़ पर्यटन स्थल

हाइलाइट्स

  • जूनागढ़ में 2200 साल पुराना उपरकोट किला है.
  • गिरनार पर्वत पर जैन मंदिर और अंबाजी मंदिर हैं.
  • सक्करबाग चिड़ियाघर और विलिंग्डन डेम प्रमुख आकर्षण हैं.

जूनागढ़: गुजरात का जूनागढ़ एक ऐसा शहर है जहां प्राचीन इतिहास और धार्मिक धरोहर एक साथ देखने को मिलते हैं. यहां 2200 साल पुराना उपरकोट किला, प्राचीन बौद्ध गुफाएं और अशोक के शिलालेख जैसे ऐतिहासिक स्थल मौजूद हैं. गुजरात का जूनागढ़ शहर अपने समृद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों के लिए प्रसिद्ध है. गिरनार पर्वत पर स्थित जैन मंदिर और अंबाजी मंदिर श्रद्धालुओं के लिए विशेष महत्व रखते हैं. सक्करबाग चिड़ियाघर, विलिंग्डन डेम और दातार पर्वत प्रकृति प्रेमियों को आकर्षित करते हैं.

उपरकोट किला
उपरकोट का किला राजा नवघण और राजा खेंगार की वीरगाथाओं का साक्षी है. यह 2200 साल पुराना स्मारक है और 57 एकड़ में फैला हुआ है. इस किले के बनने के बाद जूनागढ़ सौराष्ट्र की राजधानी बना. इससे पहले सौराष्ट्र की राजधानी वंथली मानी जाती थी. आज इस किले की यात्रा पर हर साल लाखों पर्यटक आते हैं. यह पहाड़ शहर से मात्र 5 किलोमीटर दूर है और गिरनार पहाड़ी एक भव्य पवित्र पर्वत है, जिसका उल्लेख वेदों में मिलता है. मोहनजोदड़ो काल में यह धार्मिक स्थल माना जाता था.

जूनागढ़ जिला प्रशासन की वेबसाइट के अनुसार, इन सीढ़ियों का निर्माण 15वीं सदी में किया गया था. अन्य स्रोतों के अनुसार, इसका निर्माण 10वीं सदी के उत्तरार्ध या 11वीं सदी में चूड़ासमा वंश के शासनकाल में हुआ था. कुछ स्रोतों का कहना है कि इसे 319 ईसा पूर्व में बनाया गया था और 976 ईस्वी में फिर से खोजा गया था.

जूनागढ़ में कई बौद्ध गुफाएं हैं
अशोक के शिलालेख 250 ईसा पूर्व के हैं, जहां अशोक के लगभग 14 शिलालेख गिरनार पर्वत के मार्ग पर स्थित हैं. इन शिलालेखों में लोभ और पशु बलि के खिलाफ प्रतिरोध का उल्लेख है और विचार की शुद्धता, विचार में असांप्रदायिकता, दया और कृतज्ञता के सिद्धांतों का नैतिकीकरण भी है. जूनागढ़ के बौद्ध धरोहर का एक अन्य प्रमुख हिस्सा सम्राट अशोक के शिलालेख हैं, जो गिरनार पर्वत की ओर जाने वाले रास्ते पर देखे जा सकते हैं. अशोक ने प्रसिद्ध रूप से बौद्ध धर्म में परिवर्तित होकर हिंसा का त्याग किया था.

भगवान बुद्ध का नाता जूनागढ़ से जुड़ा हुआ है. जूनागढ़ में कई बौद्ध गुफाएं हैं और उनकी अनूठी धरोहर आज भी संरक्षित है. जूनागढ़ की बौद्ध गुफाएं वर्षों नहीं बल्कि दशकों पुरानी हैं. इनमें खापरा कोडिया की बौद्ध गुफाएं, उपरकोट की बौद्ध गुफाएं, माय गढ़ेची की बौद्ध गुफाएं, पंचेश्वरी बौद्ध गुफाएं, बाबा प्यारे की गुफाएं शामिल हैं.

1100 साल, कई हुक्मरान… यादवों का किला बना निजाम, मुगलों, अंग्रेजों का अड्डा! मूर्तियां भी रहस्यमयी

गिरनार जैन मंदिर
गिरनार जैन मंदिर भारत के गुजरात राज्य के जूनागढ़ जिले में गिरनार पर्वत पर स्थित हैं. पर्वत पर दिगंबर और श्वेतांबर दोनों जैन संप्रदायों के मंदिर हैं. 9,999 सीढ़ियां चढ़ने के बाद जब लोग आस्था के साथ पहुंचते हैं, तो वह जगह गिरनार का दत्तात्रेय शिखर होती है. वहां दर्शन करने का विशेष महत्व है और दूर-दूर से लोग भगवान दत्तात्रेय के दर्शन के लिए आते हैं. तुलसीश्याम अपने गर्म पानी के कुंड के लिए बहुत प्रसिद्ध है. यह स्थान भले ही गिर सोमनाथ जिले में शामिल है, लेकिन जूनागढ़ से 116 किलोमीटर दूर है.

जूनागढ़ के गिरनार रोप-वे के पास से इस जगह पर जाया जा सकता है. प्रकृति के बीच स्थित यह बहुत अनोखी जगह है और लोग यहां प्रकृति और झरनों के बीच आनंद लेने के लिए जाते हैं. जो लोग यहां नहीं पहुंच सकते और यहां पहुंचना सामान्यतः संभव नहीं होता, उनके लिए जूनागढ़ का गिरनार रोप-वे बहुत आशीर्वाद रूपी है. इसमें लोग अंबाजी मंदिर तक पहुंच सकते हैं और मां अंबा के दर्शन कर सकते हैं.

जूनागढ़ का दरबार हॉल म्यूजियम आज भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है. वर्तमान में दीवानचौक स्थित दरबार हॉल म्यूजियम जूनागढ़ के सरदारबाग में स्थानांतरित कर दिया गया है और जूनागढ़ की धरोहर समान हर वस्तु यहां देखी जा सकती है.

महाबत मकबरा और जामा मस्जिद
महाबत मकबरा और जामा मस्जिद जूनागढ़ की अनोखी धरोहर हैं. लोग इसे मिनी ताजमहल के नाम से भी जानते हैं. फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह जगह बहुत महत्वपूर्ण है.

दातार पर्वत: प्रकृति प्रेमियों का स्वर्ग
जूनागढ़ का दातार पर्वत भी प्रकृति का एक उत्कृष्ट उदाहरण है. पर्वत चढ़ने की ट्रेनिंग लेने वाले कई प्रशिक्षु यहां रोज सुबह जाते हैं और अगर मानसून के बाद इस जगह की यात्रा की जाए तो बहुत आनंद आता है.

विलिंग्डन डेम: मानसून में स्वर्ग जैसा नजारा
विलिंग्डन डेम प्रकृति के बीच स्थित है और यहां हर साल हजारों लोग घूमने आते हैं. मानसून के मौसम में खासकर यहां लोग आते हैं क्योंकि डेम पूरी तरह भर जाता है और प्रकृति अपनी पूरी सुंदरता में खिल उठती है.

सक्करबाग चिड़ियाघर: वन्यजीवों की दुनिया
जूनागढ़ का सक्करबाग चिड़ियाघर घूमने के लिए एक शानदार जगह है क्योंकि यहां दूर-दूर से कई जानवर लाए गए हैं. यहां जंगल सफारी भी शुरू की गई है, जिससे यहां का आनंद लिया जा सकता है.
फिलहाल शेरों का अवकाश चल रहा है, इसलिए सभी सफारी पार्क बंद हैं, लेकिन अगर शेरों को देखना हो तो सासन के पास स्थित देवड़िया पार्क में जा सकते हैं.

दामोदर कुंड: मोक्ष प्राप्ति का पवित्र स्थल
ऐसा कहा जाता है कि न नहाया दामोदर कुंड तो उसका अवतार व्यर्थ गया. दामोदर कुंड में आज भी लोग पितरों के मोक्ष के लिए विधि करते हैं और यहां नरसिंह मेहता भी स्नान करते थे, ऐसी लोककथाएं हैं. इसलिए इस जगह की यात्रा करनी चाहिए.

homelifestyle

शेरों की दहाड़ से लेकर पुराने किले,जूनागढ़ के ये नजारे नहीं देखे तो क्या देखा?


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/lifestyle/travel-junagadh-historical-sites-ashoka-inscription-girnar-mountain-tourist-place-to-visit-sa-local18-9055647.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version