Home Astrology Garhmukteshwar Mandir: यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग पर अंकुरित होती...

Garhmukteshwar Mandir: यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग पर अंकुरित होती है विशेष आकृति, जानें क्या है इसका रहस्य

0


Last Updated:

Garh Mukteshwar Mandir: गढ़मुक्तेश्वर मंदिर एक रहस्यमयी मंदिर है. यहां पर कई ऐसे रहस्य हैं जिनका जवाब आज तक किसी के पास नहीं है. वैज्ञानिक अभी तक इस चमत्कार को नहीं समझ पाए हैं, लेकिन पुजारी इसे इस स्थान की आध्…और पढ़ें

यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग पर अंकुरित होती है विशेष आकृति

गढ़मुक्तेश्वर मंदिर

हाइलाइट्स

  • गढ़मुक्तेश्वर मंदिर में शिवलिंग पर हर साल अंकुर उभरता है.
  • मंदिर की सीढ़ियों पर पत्थर मारने से पानी की आवाज आती है.
  • मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना माना जाता है.

Garh Mukteshwar Mandir: उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले में स्थित गढ़मुक्तेश्वर मंदिर एक प्राचीन और रहस्यमयी मंदिर है. यह मंदिर गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसका इतिहास हजारों साल पुराना है. इस मंदिर में कई ऐसे रहस्य हैं जिनका जवाब आज तक वैज्ञानिक भी नहीं दे पाए हैं. यह मंदिर श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी करने के लिए प्रसिद्ध है और हर साल लाखों भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं. इस मंदिर में मां गंगा की भव्य मूर्ति है, चार मुखों वाले भगवान ब्रह्मा की सफेद पत्थर की मूर्ति, और शिवलिंग नर्मदेश्वर महादेव विराजमान हैं. यहां भगवान राम, माता सीता, लक्ष्मण और उनके भक्तों की मूर्तियां भी हैं.

शिवलिंग पर अंकुर का रहस्य
गढ़मुक्तेश्वर मंदिर में स्थापित शिवलिंग पर हर साल एक अंकुर उभरता है. यह अंकुर अपने आप ही फूटता है और इसमें से भगवान शिव और अन्य देवी-देवताओं की आकृतियां निकलती हैं. इस रहस्य को जानने के लिए कई वैज्ञानिकों ने रिसर्च की है लेकिन आज तक उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है. लेकिन पुजारी इसे इस स्थान की आध्यात्मिक शक्ति का परिणाम मानते हैं.

सीढ़ियों पर पत्थर मारने से आती है पानी की आवाज
इस मंदिर की सीढ़ियों का सबसे अनोखा पहलू यह है कि जिन पत्थरों से ये बनी हैं, वे चलते समय बहते पानी जैसी ध्वनि उत्पन्न करते हैं. गढ़मुक्तेश्वर मंदिर की सीढ़ियों पर अगर कोई पत्थर फेंका जाए तो ऐसा लगता है जैसे किसी ने पानी में पत्थर मारा हो. यह आवाज मंदिर के अंदर से आती है. इस रहस्य को भी आज तक कोई नहीं समझ पाया है.

मंदिर का इतिहास
गढ़मुक्तेश्वर मंदिर का इतिहास महाभारत काल से भी पुराना माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण पांडवों ने करवाया था. इस मंदिर में भगवान शिव के साथ-साथ अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियां स्थापित हैं. प्राचीन काल में गंगा नदी इसी मंदिर के पास से बहती थी. पहले यहां से गंगा तक जाने के लिए 108 सीढ़ियां थीं, लेकिन समय के साथ गंगा के स्थान बदलने और आधुनिक निर्माण के कारण अब सिर्फ 84 सीढ़ियां बची हैं.

मंदिर की मान्यता
गढ़मुक्तेश्वर मंदिर को एक बहुत ही पवित्र मंदिर माना जाता है. यहां पर हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं. इस मंदिर में मांगी गई मन्नतें पूरी होती हैं इसलिए यहां पर लोग अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं.

गढ़मुक्तेश्वर कैसे पहुंचे
गढ़मुक्तेश्वर दिल्ली से लगभग 100 किलोमीटर दूर है. यहां पर सड़क मार्ग और रेल मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है.

गढ़मुक्तेश्वर मंदिर में दर्शन का समय
गढ़मुक्तेश्वर मंदिर के खुलने का समय सुबह 6 बजे है और शाम को करीब 8 बजे की आरती के बाद ये मंदिर श्रद्धालुओं के लिए बंद हो जाता है.

homedharm

यूपी का एक ऐसा मंदिर जहां शिवलिंग पर अंकुरित होती है विशेष आकृति


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/mystery-of-uttar-pradesh-garhmukteshwar-mandir-ganga-temple-know-the-history-significance-8996080.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version