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govardhan puja 2025 shubh yog govardhan pujan puja Vidhi shubh muhurat and mantra | शुभ योग में गोवर्धन पूजन, जानें महत्व, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त

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Govardhan Puja 2025: दिवाली के अगले दिन यानी कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को देशभर में गोवर्धन पूजा बड़े धूमधाम से की जाती है. इस साल यह पर्व शुभ योग में मनाया जा रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है. सुबह-सुबह घरों में गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाकर भगवान श्रीकृष्ण, गो माता और गोवर्धन पर्वत की पूजा की जाती है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजन का महत्व, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त के बारे में…

Govardhan Puja 2025 Shubh Yog: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है और यह पर्व हर वर्ष दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है. लेकिन इस बार अमावस्या तिथि दो दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजन का पर्व 22 अक्टूबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा. ये प्रकृति की पूजा, जिसका आरंभ भगवान श्रीकृष्ण ने किया था. इस दिन प्रकृति और गौवंश की पूजा मूल रूप से की जाती है. यह त्योहार मथुरा-वृंदावन समेत पूरे ब्रज में और दिल्ली, गुजरात और राजस्थान में मनाया जाता है. इस साल यह पर्व शुभ योग में मनाया जा रहा है, जिससे इसका महत्व और बढ़ गया है. आइए जानते हैं गोवर्धन पूजन का महत्व, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त के बारे में…

गोवर्धन पूजा का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जब भगवान श्रीकृष्ण ने इंद्रदेव का अभिमान तोड़ने के लिए ब्रजवासियों से गोवर्धन पर्वत की पूजा करने को कहा, तो तभी से यह परंपरा शुरू हुई. इंद्र ने गुस्से में भीषण वर्षा कर दी, तब श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत उठा लिया और सात दिन तक ब्रजवासियों को शरण दी. इसीलिए इस दिन गोवर्धन पर्वत को भगवान का स्वरूप मानकर उसकी पूजा की जाती है. यह पूजा प्रकृति, पशु और पर्यावरण के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का पर्व भी है.

गोवर्धन पूजन 2025 शुभ योग
गोवर्धन पूजन के दिन तुला राशि में सूर्य, चंद्रमा और बुध की युति रहेगी, जिससे बुधादित्य योग और त्रिग्रही योग बन रहा है. साथ ही इस दिन प्रीति योग और आयुष्मान योग बन रहा है, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है.

गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त 2025
पहला मुहूर्त – सुबह 6 बजकर 26 मिनट से 8 बजकर 42 मिनट तक
दूसरा मुहूर्त – दोपहर 3 बजकर 29 मिनट से शाम 5 बजकर 44 मिनट तक

गोवर्धन पूजा विधि 2025

  • प्रातः स्नान के बाद व्रत संकल्प लें. आंगन या पूजा स्थल पर गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत का प्रतीक बनाएं.
  • पर्वत के चारों ओर मिट्टी के छोटे-छोटे टीले बनाकर उन पर दीपक जलाएं.
  • भगवान श्रीकृष्ण, बलराम, गो माता और गोवर्धन पर्वत की मूर्ति या चित्र स्थापित करें.
  • पूजा में दूध, दही, घी, शहद, जल, पुष्प, धूप, दीप और अन्नकूट (विभिन्न व्यंजनों) का भोग लगाएं.
  • परिवार के सभी सदस्य एक साथ गोवर्धन परिक्रमा करें.
  • पूजा के बाद अन्नकूट प्रसाद के रूप में सभी को भोजन कराया जाता है.

गोवर्धन पूजा मंत्र
पूजन के दौरान यह मंत्र बोलना शुभ माना गया है —
गोवर्धन धारयामास प्रीत्यर्थं बलदेव सह।
पूजितोऽसि मया नित्यं नमस्ते गोवर्धन प्रभो॥
अर्थात – हे गोवर्धन पर्वत! आपने भगवान श्रीकृष्ण के साथ ब्रजवासियों की रक्षा की थी, मैं आपको नित्य नमस्कार करता हूं और आपकी पूजा करता हूं.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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शुभ योग में गोवर्धन पूजन, जानें महत्व, पूजा विधि, मंत्र और शुभ मुहूर्त


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