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Karwa Chauth 2025 Chandra Puja arghya time | karwa chauth par chandra puja kyu hoti hai | chandrama ko arghya kyu dete | करवा चौथ पर चंद्रमा पूजा और अर्घ्य देने का महत्व

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Karwa Chauth 2025 Chandra Puja: करवा चौथ व्रत में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों जल पीकर व्रत को तोड़ने का नियम है. करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा करना और अर्घ्य देना जरूरी क्यों है? काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट बता रहे हैं कि करवा चौथ व्रत में चंद्रमा पूजा और अर्घ्य न दें तो क्या होगा?

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Karwa Chauth 2025 Chandra Puja: हर साल करवा चौथ का व्रत वक्रतुण्ड संकष्टी के दिन रखते हैं. उस दिन कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि होती है. यह कार्तिक संकष्टी चतुर्थी भी कहलाती है. करवा चौथ के दिन सुहागन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं. चांद के निकलने पर चंद्रमा की पूजा करती हैं और अर्घ्य देती हैं. करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा और अर्घ्य देना जरूरी माना जाता है. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि करवा चौथ व्रत में चंद्रमा पूजा और अर्घ्य न दें तो क्या होगा?

करवा चौथ व्रत में चंद्रमा पूजा और अर्घ्य का महत्व

ज्योतिषाचार्य भट्ट का कहना है ​कि करवा चौथ या संकष्टी चतुर्थी के जितने भी व्रत हैं, उनमें रात के समय में चंद्रमा की पूजा करना और अर्घ्य देना महत्वपूर्ण है क्योंकि इसके बिना व्रत पूर्ण ही नहीं होगा. उसके बिना आप पारण भी नहीं कर सकते हैं.

आप सोचें कि केवल गणेश जी, माता गौरी और शिव जी की पूजा कर लें, ले​किन चंद्रमा की पूजा न करें और अर्घ्य न दें तो व्रत हो गया. ऐसा नहीं है. व्रत तब पूरा होता है, जब आप पारण कर लेते हैं. करवा चौथ व्रत में यह अनिवार्य नियम है कि चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पति के हाथों जल पीकर व्रत को तोड़ना है.

इसलिए करवा चौथ पर होती है चंद्रमा की पूजा

पौराणिक कथा के अनुसार, गणेश जी को जब हाथी का सिर लगा तो चंद्र देव उनके रूप को देखकर हंसने लगे. यह देखकर गणेश जी अपमानित महसूस करने लगे और क्रोधित हो गए. चंद्रमा को अपनी सुंदरता पर अभिमान था. तब गणेश जी ने चंद्र देव को श्राप दिया कि वे अपनी चमक और सुंदरता खो देंगे. उस श्राप के प्रभाव से चंद्र देव कांतिहीन होने लगे.

उनको अपनी भूल का एहसास हुआ तो उन्होंने गणेश जी से क्षमा मांगी और श्राप से मुक्त करने की प्रार्थना की. इस पर गणेश जी ने कहा कि श्राप वापस नहीं हो सकता है, लेकिन आपकी कांति कृष्ण पक्ष में 15 दिन कम होगी और शुक्ल पक्ष में 15 दिन बढ़ेगी. पूर्णिमा पर आप पूर्ण रूप से संसार को प्रकाशमय करेंगे.

इसके साथ ही गणेश जी ने चंद्र देव को आशीर्वाद दिया कि जो भी व्यक्ति कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को व्रत रखेगा और गणपति बप्पा की पूजा करेगा, उसे रात में चंद्रमा की पूजा करके अर्घ्य देना होगा, अन्यथा यह व्रत पूरा नहीं होगा. तब से संकष्टी चतुर्थी यानि हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी के व्रत में चंद्र पूजा और अर्घ्य देना अनिवार्य हो गया. उसके बाद ही पारण किया जाता है. करवा चौथ व्रत भी कार्तिक कृष्ण चतुर्थी को रखते हैं.

10 अक्टूबर को है करवा चौथ

इस साल करवा चौथ का व्रत 10 अक्टूबर को रखा जाएगा. उस दिन चंद्रोदय रात में 08 बजकर 13 मिनट पर होगा. रात 8:13 बजे से चंद्रमा की पूजा होगी और अर्घ्य दिया जाएगा.

कार्तिकेय तिवारी

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें

कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें

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करवा चौथ पर चंद्रमा की पूजा क्यों है जरूरी? अर्घ्य न दें तो क्या होगा, जानें


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