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maa katyayani temple in vrindavan Katyayani Mata Mandir darshan in shardiya navratri know History | वृंदावन के मां कात्यायनी मंदिर में पूजा करने से मिलता है मनचाहा पार्टनर! राधा-कृष्ण से जुड़ी है कथा

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Katyayani Mata Mandir in Vrindavan: वृंदावन में स्थित मां कात्यायनी मंदिर को बेहद चमत्कारी माना जाता है और कात्यायनी पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में राधा रानी ने भी पूजा अर्चना की थी और समय समय पर इस मंदिर में कई चमत्कार होते रहते हैं. आइए जानते हैं वृंदावन में स्थित मां कात्यायनी मंदिर के बारे में…

Katyayani Shakti Peeth Vrindavan: शारदीय नवरात्रि अब धीरे धीरे समापन की ओर बढ़ती जा रही हैं. 28 सितंबर दिन शनिवार को नवरात्रि के सातवें दिन की पूजा की जाएगी और इस दिन मां दुर्गा की छठवीं शक्ति मां कात्यायनी की पूजा-अर्चना की जाएगी. भागवत पुराण में वर्णन है कि गोपियों ने व्रत कर मां कात्यायनी की पूजा की थी ताकि वे भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त कर सकें. इसलिए आज भी विवाह योग्य कन्याएं शीघ्र विवाह और उत्तम वर की प्राप्ति के लिए कात्यायनी पूजन करती हैं. वृंदावन में मां कात्यायनी का मंदिर है, जहां दर्शन करने मात्र से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं और हर कार्य में सफलता मिलती है. आइए जानते हैं वृंदावन में स्थित मां कात्यायनी मंदिर के बारे में…

साहस और विजय की देवी मां कात्यायनी
नवरात्र का पर्व शक्ति की साधना और देवी मां की आराधना का प्रतीक है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है लेकिन इस बार तृतीया तिथि दो दिन होने की वजह से 10 दिन तक माता रानी की पूजा अर्चना की जाएगी. इस तरह के नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की छठवीं शक्ति मां कात्यायनी की पूजा का विशेष महत्व है. शास्त्रों में मां कात्यायनी को साहस और विजय की देवी के साथ-साथ विवाह और संतान-सुख प्रदान करने वाली देवी माना गया है. मान्यता है कि इनकी आराधना से हर संकट दूर होता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं.

51 शक्तिपीठों में से एक कात्यायनी पीठ
मां कात्यायनी का प्रसिद्ध मंदिर भगवान श्री राधा-कृष्ण की नगरी वृंदावन में स्थित है. वृंदावन के राधा बाग इलाके में स्थित कात्यायनी पीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, यहीं माता सती के केश गिरे थे. तभी से यह स्थल शक्ति आराधना का पवित्र केंद्र बन गया और इसे शक्तिपीठ का दर्जा प्राप्त हुआ. मान्यता है कि वृंदावन के कात्यायनी पीठ में मां कात्यायनी के दर्शन और पूजा करने से भक्तों की हर इच्छा पूरी होती है. विशेषकर अविवाहित युवक-युवतियां यहां नवरात्र के दिनों में माता की आराधना करते हैं ताकि उन्हें मनचाहा वर या वधु प्राप्त हो सके. यह विश्वास है कि जो भी भक्त सच्चे मन से मां की आराधना करता है, उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है.

राधा रानी ने की थी कात्यायनी माता की पूजा
गीता और पुराणों के अनुसार, राधा रानी और वृंदावन की गोपियों ने भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की इच्छा से मां कात्यायनी की पूजा की थी. मां ने वरदान भी दिया, लेकिन भगवान एक और गोपियां अनेक थीं. ऐसे में भगवान कृष्ण ने वरदान को पूर्ण करने के लिए महारास रचा. शरद पूर्णिमा की रात, यमुना तट पर धवल चांदनी में भगवान कृष्ण ने अपने 16,108 रूप धारण किए और हर गोपी के साथ महारास किया. यह कथा आज भी भक्तों के बीच आस्था और चमत्कार का प्रतीक है.

दूर दूर से आते हैं श्रद्धालु
हर साल चैत्र और शारदीय नवरात्र के अवसर पर कात्यायनी देवी मंदिर के समीप रंग जी के बड़े बगीचे में भव्य मेले का आयोजन होता है. इस मेले में दूर-दूर से श्रद्धालु शामिल होते हैं. खासकर अष्टमी के दिन यहां होने वाली आरती के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगता है. इस आरती को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

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वृंदावन के मां कात्यायनी मंदिर में पूजा करने से मिलता है मनचाहा पार्टनर!


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