भगवान रामजी की आरती: राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम की दिन में तीन बार आरती करने से सभी इच्छाओं की पूर्ती होगी और ज्ञान, वुद्धि, सुख-शांति की प्राप्ति भी होगी. भगवान राम की इस आरती को प्रेम से गाने पर भगवान राम का आशीर्वाद मिलता है. भगवान विष्णु के 7वें अवतार भगवान श्रीराम को मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में जाना जाता है, जो धर्म और मर्यादा की स्थापना के लिए पृथ्वी पर आए थे. आइए हाथ जोड़कर और पवित्र मन से भगवान राम की आरती करते हैं….
आरती भगवान श्री रामचंद्रजी की
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
दोहा- जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
बोलो – जय श्रीराम, जय श्रीराम, सीता माता की जय, भगवान राम की जय
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