भारत में शारदीय नवरात्रि चल रहे हैं और यहां हर तरह मां दुर्गा के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. वहीं नवरात्रि के दिनों में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के प्रमुख बिजनेसमैन और डीपी वर्ल्ड के ग्रुप चेयरमैन एवं सीईओ सुल्तान अहमद बिन सुलायेम ने अपने पुत्र गनीम बिन सुलायेम के साथ अबू धाबी स्थित बीएपीएस हिंदू मंदिर का दर्शन किया. बिन सुलायेम, जो पोर्ट्स, कस्टम्स एवं फ्री जोन कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष भी हैं, ने लगभग दो घंटे मंदिर की भव्य वास्तुकला, आध्यात्मिकता और सांस्कृतिक धरोहर का अनुभव किया. आइए जानते हैं डीपी वर्ल्ड चेयरमैन ने दर्शन करने के बाद क्या क्या कहा…

‘बिन सुलायेम की उपस्थिति शक्ति और प्रेरणा का स्रोत’
मंदिर यात्रा के दौरान उन्होंने स्वामी ब्रह्मविहारदासजी से भेंट की, जिन्होंने उनका हार्दिक स्वागत किया. स्वामीजी ने बिन सुलायेम का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान मंदिर के पत्थरों के परिवहन में डीपी वर्ल्ड की सहायता अमूल्य रही. उन्होंने बताया कि उद्घाटन से पहले, दौरान और बाद में भी बिन सुलायेम की उपस्थिति शक्ति और प्रेरणा का स्रोत बनी.
UAE के बिजनेसमैन ने क्या कहा?
बिन सुलायेम ने कहा कि मैं सम्मानित हूं कि हम यहां आए. यह अद्भुत रचना का एक छोटा हिस्सा बनना सम्मानजनक है. पिछली यात्रा से यह पूरी तरह अलग है. स्थान-चयन प्रेरणादायी था. महामहिम को पता था कि यही सबसे उत्तम स्थान होगा. उन्होंने मंदिर के निर्माण की प्रक्रिया का जिक्र करते हुए कहा कि जब मैं पहली बार आया था, तब मचान, कच्ची जमीन और रेत के ढेर थे. आपने 3डी प्रिंटेड दीवारें, इमर्सिव स्क्रीन और अद्भुत नक्काशी का वर्णन किया था. मैं समझ तो सकता था, लेकिन कल्पना नहीं. आज पूर्ण रूप में देखना वास्तव में अद्भुत है.
मंदिर के डिजाइन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि सब कुछ पूरी तरह मेल खाता है. डिजाइन की समरसता मुस्कान लाती है. आगंतुक यहां केवल स्वागत ही नहीं पाते, बल्कि संस्कृति, शिक्षा और समझ का अनुभव करते हैं. यह यात्रा संस्कृतियों को जोड़ने वाला पुल है. बिन सुलायेम ने यूएई की सहिष्णुता पर जोर देते हुए कहा कि समरसता महामहिम शेख जायेद से शुरू नहीं हुई, उनके पूर्वजों ने इसे आगे बढ़ाया और महामहिम शेख मोहम्मद इसे ले जा रहे हैं. इसी कारण विभिन्न समुदाय, विशेषकर भारतीय, यहां घर जैसा महसूस करते हैं. सहिष्णुता हमारी सबसे बड़ी संपत्ति है. मंदिर को केवल संरचना नहीं, बल्कि आत्मा का स्थल बताते हुए कहा कि यह अनंत अनुभूति देता है. मन, हृदय और आत्मा तृप्त होते हैं. आगंतुक आत्मा का अनुभव करते हैं. सेवा में लगे लोगों की समर्पण भावना बिना बोले कहानी कहती है. हर यात्रा नया अनुभव देती है और मैं बार-बार आने की प्रतीक्षा करूंगा.
BAPS हिंदू मंदिर के बारे में जानें खास बातें
बता दें कि बीएपीएस हिंदू मंदिर का उद्घाटन 14 फरवरी 2024 को हुआ. यह यूएई में पहला पारंपरिक हिंदू मंदिर है, जो 27 एकड़ में फैला है. इसको बनाने में राजस्थान के बलुआ पत्थर का इस्तेमाल हुआ है. BAPS हिंदू मंदिर का ज़िक्र अक्सर दुनिया के सबसे बड़े और भव्य हिंदू मंदिरों के संदर्भ में होता है. यह मंदिर बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा बनाया गया है, जो स्वामीनारायण संप्रदाय से जुड़ा एक वैश्विक आध्यात्मिक और सामाजिक संगठन है.
मंदिर की सफेद संगमरमर और गुलाबी बलुआ पत्थर से बने ये मंदिर पारंपरिक भारतीय शिल्पकला और आधुनिक इंजीनियरिंग का अद्भुत संगम हैं. यहां रोजाना आरती, पूजा और भजन होते हैं. इसके अलावा यह मंदिर भारतीय संस्कृति, योग, आयुर्वेद और अध्यात्म को बढ़ावा देने का केंद्र भी है. UAE के अलावा लंदन (नीज गेट्सहेड) और अमेरिका (न्यू जर्सी) समेत कई देशों में भव्य BAPS मंदिर बनाए गए हैं. इनमें से कुछ तो दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में गिने जाते हैं. भारत से बाहर बसे प्रवासी भारतीयों के लिए ये मंदिर घर जैसी आस्था और संस्कृति का अनुभव देते हैं. वहीं, विदेशी नागरिक भी यहां आकर भारतीय कला और आध्यात्मिक परंपरा से जुड़ते हैं.
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https://hindi.news18.com/news/dharm/uae-businessman-sultan-ahmed-bin-sulayem-visits-baps-hindu-temple-during-navratri-ws-kln-9674485.html