Vastu For Ralationship: कई लोग यह मानते हैं कि बाहरी रिश्ते सिर्फ मन की कमजोरी, आपसी मनमुटाव या मौकों के कारण बनते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र इस विषय को एक बिल्कुल अलग नजरिए से देखता है. वास्तु के अनुसार, घर की दिशाएं सिर्फ दीवारें या कोने नहीं होते ये हमारे मन, आकर्षण, सोच, भावनाओं और रिश्तों की पूरी ऊर्जा को प्रभावित करते हैं. जो लोग लंबे समय से अपने रिश्ते में उलझन, दूरी, संदेह या अनचाहे आकर्षण का अनुभव कर रहे हैं, वे अक्सर नहीं समझ पाते कि यह सब किस वजह से हो रहा है. पर वास्तु की भाषा में, यह सब “ऊर्जा की गड़बड़ी” माना जाता है. जब किसी घर में मुख्य दिशाएं बिगड़ जाती हैं खासकर South-West, North-West, South-East और East तो रिश्तों में खिंचाव, अनचाही ओर झुकाव, मानसिक अस्थिरता और बाहर किसी के प्रति आकर्षण बढ़ सकता है. यह प्रभाव अचानक नहीं आता, बल्कि धीरे-धीरे मन को कमजोर करता है. घर का माहौल शांत दिखता है, लेकिन अंदर छिपी ऊर्जा रिश्तों के बीच एक अदृश्य दरार पैदा कर देती है. इस आर्टिकल में हम समझेंगे भोपाल निवासी ज्योतिषी, वास्तु विशेषज्ञ एवं न्यूमेरोलॉजिस्ट हिमाचल सिंह से कि बाहरी रिश्तों का वास्तु से क्या संबंध है, किन दिशाओं में गड़बड़ी होने पर यह समस्या बढ़ती है, और इन स्थितियों को संभालने के सरल उपाय क्या हैं. लक्ष्य यह नहीं कि किसी पर आरोप लगाया जाए, बल्कि यह समझना है कि एक संतुलित घर किस तरह रिश्तों को मजबूती और सम्मान दे सकता है.
वास्तु के अनुसार कौन-कौन सी दिशाएं बाहरी रिश्तों को बढ़ावा देती हैं?

दिशाओं का प्रभाव रिश्तों पर
South-West – रिश्तों को स्थिर रखने वाला कोना
South-West को रिश्तों की मजबूती का केंद्र माना जाता है. जब इस हिस्से में टॉयलेट, रसोई, पानी का गड्ढा, या हल्का सामान होता है, तो आपसी भरोसा कम होने लगता है. पति-पत्नी के बीच छोटी बातों पर गलतफहमियां पैदा होती हैं और मन बाहरी आकर्षण की ओर झुक जाता है. इस दिशा की ऊर्जा कमजोर होते ही रिश्ते में ठहराव टूट जाता है.
North-West – बदलते मन का हिस्सा
North-West मन की गति, जुड़ाव और सामाजिक संपर्क से जुड़ा क्षेत्र है. अगर बेडरूम यहाँ हो, या इस दिशा में बहुत हलचल रहती हो, तो व्यक्ति का मन स्थिर नहीं रहता. भावनाएं जल्दी बदलती हैं और पुराने या नए आकर्षणों से प्रभावित होकर रिश्ते में दूरी बढ़ने लगती है.
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South-East – आकर्षण और कामना से संबंधित दिशा
South-East को अग्नि और सौंदर्य की दिशा माना जाता है. जब इसमें गड़बड़ी होती है जैसे टॉयलेट हो या रसोई में पानी और आग साथ हों तो भावनाएं तेज हो जाती हैं और नियंत्रण कम. यह मन को ऐसे आकर्षण की ओर धकेल सकता है, जिसकी जरूरत असल में नहीं होती.
दिशाओं का प्रभाव रिश्तों पर
East – सोच और सही निर्णय लेने की दिशा
इस दिशा में रोशनी न आने या जगह बंद रहने पर व्यक्ति की सोच कमजोर होने लगती है. सही और गलत की पहचान धुंधली हो जाती है. जब East खराब होता है, तो व्यक्ति गलत कदम उठाने में ज्यादा समय नहीं लगाता.
रिश्तों को सुरक्षित रखने के आसान उपाय
-South-West को हमेशा मजबूत और साफ रखें.
-North-West वाले बेडरूम में हल्के रंग रखें और रोमांटिक तस्वीरें न लगाएं.
-South-East में रसोई ठीक रखें और पानी-अग्नि को अलग रखें.
-East में सुबह की धूप ज़रूर आने दें.
-पति-पत्नी का मुख्य बेडरूम हमेशा South-West में रखना बेहतर होता है.
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