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Vastu Tips For Home : अगर आप शनिदेव के अशुभ प्रभाव से बचना चाहते हैं, तो वास्तु के कुछ छोटे-छोटे उपाय बड़ा असर दिखा सकते हैं. जैसे घर में सफाई बनाए रखना, बेडरूम की सही दिशा चुनना, मंदिर की उचित जगह तय करना और कूड़ेदान को साफ रखना. ये चार साधारण बदलाव आपके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा लाते हैं और शनिदेव की कृपा बनाए रखते हैं.
वास्तु और ज्योतिष शास्त्र दोनों ही यह मान्यता है कि घर के पश्चिम दिशा का संबंध ‘न्याय के देवता’ शनि देव से होता है. हिंदू धर्म की धार्मिक मान्यता है कि शनि देव कर्म के आधार पर फल देते हैं. इस वजह से इस दिशा को अगर व्यवस्थित स्वच्छ और संतुलित रखा जाए तो शनि देव के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलेगी. जीवन में स्थिरता सफलता और सुख ही प्राप्ति होगी .
अयोध्या के ज्योतिषी पंडित कल्कि राम बताते हैं कि शनि देव जब नाराज होते हैं तो इससे जीवन में कई तरह के नकारात्मक प्रभाव बढ़ने लगता है. जीवन में रुकावट आती है, आर्थिक हानि होता है. ऐसी स्थिति में शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए वास्तु के नियम का पालन करना चाहिए.
अगर आप अपने रिश्ते में सुधार लाना चाहते हैं और शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं, तो वास्तु शास्त्र के अनुसार बेडरूम की दिशा पर विशेष ध्यान देना चाहिए. मान्यता है कि बेडरूम दक्षिण या पश्चिम दिशा में होना शुभ होता है. इन दिशाओं में बना शयनकक्ष पति-पत्नी के रिश्ते में स्थिरता, प्रेम और समझ बढ़ाता है. साथ ही, यह दिशा शनिदेव को भी प्रसन्न करती है, जिससे जीवन में शांति, सौहार्द और खुशहाली बनी रहती है.
इसके अलावा, अगर आपके घर में कूड़ेदान या किसी भी कोने में गंदगी फैली है, तो उसे तुरंत साफ करना चाहिए. वास्तु शास्त्र और शनि से जुड़ी मान्यताओं के अनुसार घर का कूड़ेदान साफ और व्यवस्थित रखना बेहद जरूरी माना गया है. गंदगी घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है और शनिदेव के अशुभ प्रभाव को आमंत्रित करती है. वहीं, साफ-सफाई बनाए रखने से न केवल शनि की कृपा प्राप्त होती है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में फटे, पुराने अथवा गंदे पर्दे नहीं लगना चाहिए. साफ सुथरे पर्दे घर को सुंदर भी बनाते हैं. सेहत पर भी अच्छा असर डालते हैं. साथ ही घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के आसपास मंदिर का होना बेहद शुभ माना जाता है, लेकिन उसकी दिशा सही होना आवश्यक है. माना जाता है कि मंदिर हमेशा पश्चिम दिशा में होना चाहिए. पश्चिम दिशा में स्थित मंदिर से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है, परिवार के सदस्यों में सामंजस्य बढ़ता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. साथ ही, इस दिशा में मंदिर होने से शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
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