Home Astrology Vinayaka Chaturthi 2024: शुभ मुहूर्त में विनायक चतुर्थी आज, गणपति पूजा से...

Vinayaka Chaturthi 2024: शुभ मुहूर्त में विनायक चतुर्थी आज, गणपति पूजा से सभी विघ्न होंगे दूर! पढ़ें व्रत कथा

0


Vinayak Chaturthi Puja And Katha: शारदीय नवरात्रि की विनायक चतुर्थी अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाते हैं. पंचांग के अनुसार, हर माह में प्रदोष व्रत की तरह ही दो बार भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए चतुर्थी का व्रत किया जाता है. एक शुक्ल पक्ष की चतुर्थी और दूसरी शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि. इसमें कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को संकष्टी चतुर्थी और शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहा जाता है. हालांकि, दोनों में ही गणपति पूजा का विधान है. इस बार विनायक चतुर्थी का व्रत आज यानी 6 अक्टूबर 2024 दिन रविवार को है. इस दिन व्रत और पूजा के समय कथा पढ़ने से भगवान गणेश की कृपा होती है. साथ ही शुभ कार्य की बाधाएं भी दूर हो सकती हैं. विनायक चतुर्थी की व्रत कथा और उपाय के बारे में Bharat.one को बता रहे हैं प्रताप विहार गाजियाबाद के ज्योतिर्विद और वास्तु विशेषज्ञ राकेश चतुर्वेदी-

विनायक चतुर्थी 2024 तारीख और शुभ समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार अश्विन शुक्ल चतुर्थी तिथि का शुभारंभ 6 अक्टूबर को सुबह 7:49 बजे हो रहा है. इस तिथि का समापन 7 अक्टूबर को सुबह 9:47 बजे होगा. वहीं, इसी दिन चन्द्रोदय शाम 07:53 बजे होगा. ऐसे में इस बार विनायक चतुर्थी का व्रत 6 अक्टूबर रविवार को रखा जाएगा.

विनायक चतुर्थी की पूजा विधि

विनायक चतुर्थी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर साफ कपड़े पहनें. घर में किसी साफ स्थान पर एक चौकी पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें और व्रत का संकल्प लें. इसके बाद भगवान गणेश को रोली,चंदन, अक्षत, फूल, सिंदूर, दूर्वी और मोदक या लड्डू अर्पित करें. इसके अलावा पूजा के समय ऊँ गं गणपते नमः मंत्र का 108 बार जाप करें और गणेशजी की विधिवत पूजा करें.

विनायक चतुर्थी व्रत कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार माता पार्वती और देवो के देव महादेव नर्मदा नदी के तट पर चौपड़ खेल रहे थे. खेल में हार जीत का फैसला करने के लिए महादेव ने एक पुतला बना दिया और उसकी प्राण प्रतिष्ठा कर दी. महादेव ने बालक से कहा कि जीतने पर विजेता का फैसला करे. महादेव और माता पार्वती ने खेलना शुरू किया और तीनों बाद मां पार्वती जीत गईं. खेल समाप्त होने पर बालक ने महादेव को विजयी घोषित कर दिया. यह सुन पार्वती क्रोधित हुईं और बालक को अपाहिज रहने का शृाप दे दिया. इस पर बालक ने माता से क्षमा मांगी. इसपर पार्वती ने शृाप से बचने का एक उपाय बताया.

पार्वती ने बालक से कहा कि भगवान गणेश की पूजा के लिए नाग कन्याएं आएंगी और तुम्हें उनके कहे अनुसार व्रत करना होगा, जिससे तुम्हें शृाप से मुक्ति मिलेगी. कई सालों बाद नाग कन्याएं भगवान गणेश की पूजा के लिए आईं. बालक ने गणेश व्रत की विधि पूछकर पूजा की. इससे प्रसन्न होकर गणेश जी ने पैरों से चलकर कैलाश पर्वत पर जाने का आशीर्वाद दिया.

इसके बाद बालक ने कैलाश पर्वत पर भगवान महादेव को शाप मुक्त होने की कथा सुनाई. चौपड़ वाले दिन से माता पार्वती भगवान शिव से रुष्ट हो गई थीं. बालक के बताए अनुसार, भगवान शिव ने भी 21 दिनों का भगवान गणेश का व्रत किया. व्रत के प्रभाव से माता पार्वती के मन से भगवान महादेव के प्रति नाराजगी खत्म हो गई. यही वजह है कि भगवान गणेश की पूजा-अर्चना से दुख दूर होते हैं.


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/vinayaka-chaturthi-date-6-october-2024-navratri-day-4-know-puja-vidhi-vrat-katha-must-read-of-happyness-say-astrologer-rakesh-chaturvedi-8748900.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version