Home Astrology Why is number 94 written on dead bodies ashes after cremation on...

Why is number 94 written on dead bodies ashes after cremation on manikarnika ghat in Kashi | काशी में मरने वाले व्यक्ति की अस्थियों पर क्यों लिख देते हैं 94 अंक, क्या है इसका अर्थ, शायद ही किसी को पता हो

0


Last Updated:

काशी के मणिकर्णिका घाट पर हर समय किसी ना किसी का दाह संस्कार होता रहता है. लेकिन क्या आपको पता है कि यहां चिता की अग्नि ठंडी होने से पहले 94 अंक लिखने का रिवाज है. बताया जाता है 94 अंक लिखने से व्यक्ति जन्म-मरण के बंधन से मुक्ति हो जाता है.

काशी में मृत व्यक्ति की अस्थियों पर क्यों लिखते हैं 94 अंक, 99% लोग नहीं जानते

हिंदू धर्म में काशी एक अत्यंत पवित्र स्थान है, जो मोक्ष प्राप्ति के लिए प्रसिद्ध है. ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने अंतिम समय में काशी में रहता है और यहीं उसका दाह संस्कार हो जाता है तो वह जन्म-मरण के बंधन से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है. काशी में गंगा नदी के तट पर प्रसिद्ध मणिकर्णिका घाट स्थित है, जो मृतकों के दाह संस्कार का मुख्य स्थान है. बताया जाता है कि यह घाट कभी शांत नहीं रहता, यहां हर पल किसी ना किसी का दाह संस्कार होता रहता है. यहां चिता की आग ठंडी होने से पहले मृत व्यक्ति की राख से 94 अंक लिखे जाने की परंपरा है. मान्यता है कि ऐसा करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को मुक्ति मिलती है.

भगवान विष्णु ने की है यहां तपस्या
मणिकर्णिका घाट के बारे में कई प्राचीन कथाएं प्रचलित हैं. इस घाट का उल्लेख स्कंद पुराण और काशी कांड जैसे प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. नदी के तट पर स्थित इस घाट को माता के कुंडल का स्थान भी माना जाता है. पौराणिक मान्यता के अनुसार, भगवान विष्णु ने भी यहीं तपस्या की थी और सुदर्शन चक्र से मणिकर्णिका कुंड खोदा था, जहां उनकी मणि और देवी पार्वती के कुंडल गिरे थे इसलिए इसका नाम मणिकर्णिका पड़ा.

शवों पर 94 अंक लिखने का रिवाज
यहां पर शवों की राख से 94 अंक लिखने का रिवाज है. दाह संस्कार से पहले, दाहकर्ता चिता की आग ठंडी होने से ठीक पहले काठ या अंगुली से 94 अंक लिखता है. इस अंक का विशेष महत्व है. इस अंक को लिखकर शिवजी से प्रार्थना की जाती है व्यक्ति को सीधा मोक्ष मिले, फिर पानी से भरे घड़े को उल्टा करके चिता के पास फोड़ते हुए आगे निकल जाते हैं. काशी के विद्वानों के अनुसार, 94 अंक को मुक्ति मंत्र कहते हैं. प्रत्येक मनुष्य में 94 लक्षण (मुक्ति मंत्र) होते हैं. ये गुण हमारे कर्मों से घट-बढ़ सकते हैं. माना जाता है कि ब्रह्माजी प्रत्येक मनुष्य को छह महत्वपूर्ण गुण प्रदान करते हैं. जो व्यक्ति इन गुणों से परिपूर्ण होता है, उसे सभी सद्गुण प्राप्त होते हैं.

मोक्ष प्राप्ति का केंद्र 94 अंक
जब काशी में किसी वृद्ध या मरणासन्न व्यक्ति का अंतिम संस्कार किया जाता है, तो ये 94 गुण शरीर को समर्पित कर दिए जाते हैं. इसे आत्मा को मोक्ष और मुक्ति दिलाने वाला अनुष्ठान माना जाता है. मान्यता है कि यहां दाह संस्कार करने से ये 94 गुण प्रतीक स्वरूप शरीर से एक-दूसरे से जुड़ जाते हैं और आत्मा को स्वर्ग का मार्ग मिलता है. मणिकर्णिका घाट पर इस अनुष्ठान ने काशी को और भी पवित्र बना दिया है. हर साल अलग-अलग उम्र के बुजुर्ग और श्रद्धालु अपने अंतिम दिन यहां बिताने आते हैं. दाह संस्कार, 94 नंबर की रस्म और घाट से जुड़ी पारंपरिक मान्यताओं ने मिलकर काशी को आध्यात्मिक विकास और मोक्ष प्राप्ति का केंद्र बना दिया है.

Parag Sharma

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प…और पढ़ें

मैं धार्मिक विषय, ग्रह-नक्षत्र, ज्योतिष उपाय पर 8 साल से भी अधिक समय से काम कर रहा हूं। वेद पुराण, वैदिक ज्योतिष, मेदनी ज्योतिष, राशिफल, टैरो और आर्थिक करियर राशिफल पर गहराई से अध्ययन किया है और अपने ज्ञान से प… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

काशी में मृत व्यक्ति की अस्थियों पर क्यों लिखते हैं 94 अंक, 99% लोग नहीं जानते


.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.
.

https://hindi.news18.com/news/dharm/why-is-number-94-written-on-dead-bodies-ashes-after-cremation-on-manikarnika-ghat-in-kashi-ws-kl-9668911.html

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version