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मिथिला पेंटिंग: मधुबनी की एक संस्था है नाम है कलाकृति जो ऑनलाइन प्लेटफार्म और ऑफलाइन दोनों माध्यम से कला को परोसने का काम कर रही है. Bharat.one से बात करते हुए जुली झा बताती है की मैं यूट्यूब पर वीडियो देती हूं या…और पढ़ें
जुली झा
हाइलाइट्स
- मधुबनी में बढ़ा है मिथिला पेंटिंग का चलन
- ऑनलाइन और ऑफलाइन माध्यम से कला सिखाती है कलाकृति संस्था
- यूट्यूब और फोन से मिथिला पेंटिंग सिखाती हैं जुली झा
मधुबनी. मिथिला पेंटिंग का चलन इतना बढ़ गया है कि लोग इसे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में शामिल करने लगे हैं. कुछ लोग इसे अपनी इनकम का साधन भी बना चुके हैं. कई लोग ऐसे भी हैं जो मिथिला पेंटिंग सीखने की इच्छा रखते हैं. आइए जानते हैं मधुबनी की कौन सी संस्थाएं हैं जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से यह कला सिखाती हैं.
ऑफलाइन की सुविधा
मधुबनी को मिथिला पेंटिंग का गढ़ माना जाता है और सौभाग्य की बात यह है कि यहां मिथिला चित्रकला संस्थान है, जिसका उद्घाटन कुछ साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया था. यहां ऑफलाइन माध्यम से पेंटिंग सिखाई जाती है. पूरे बिहार और अन्य राज्यों से बच्चे यहां आकर डिग्री लेते हैं. खास बात यह है कि यहां पर वही लोग सिखाते हैं जो इस कला में माहिर हैं, जैसे पद्मश्री, नेशनल अवॉर्डी या स्टेट अवॉर्ड प्राप्त कर चुके लोग. यहां 6 महीने का सर्टिफिकेट कोर्स और 3 साल का डिग्री कोर्स होता है, जो बहुत ही बेहतरीन तरीके से सिखाया जाता है.
ऑनलाइन प्रक्रिया
अब न सिर्फ देश बल्कि विदेशों के लोग भी मिथिला पेंटिंग सीखना चाहते हैं. सोशल मीडिया और डिजिटल युग के आने से शिक्षक और छात्र दोनों के लिए यह आसान हो गया है. मधुबनी की एक संस्था है जिसका नाम है ‘कलाकृति’, जो ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से कला सिखाने का काम कर रही है. Bharat.one से बात करते हुए जुली झा बताती हैं कि वह यूट्यूब पर वीडियो डालती हैं या फोन नंबर से संपर्क करके घर बैठे लोगों को सिखाती हैं.
इसके अलावा, कुछ लोग विदेशों से भी आकर मधुबनी में मिथिला पेंटिंग सीखते हैं. जितवारपुर गांव की पद्मश्री और नेशनल अवॉर्डी भी देशों में जाकर वर्कशॉप कराती हैं.
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