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विद्यवान पं. महेंद्र तिवारी ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान भगवान ग्रहों के प्रभाव से घिरे होते हैं. ऐसे में भजन-कीर्तन करना चाहिए. चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए. तत्पश्चात भगवान का विशेष पूजन-अर्चन करना चाहिए.
मिर्जापुर : देश में आज साल का अंतिम चंद्रग्रहण लग रहा है. चंद्रग्रहण रात्रि में 9 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर मध्य रात्रि 1 बजकर 23 मिनट तक रहेगा. चंद्रग्रहण के उग्रह होने के बाद देने इन विशेष कार्यों को करना चाहिए. इससे सुख-समृद्धि के साथ ही विशेष फल की प्राप्ति होती है.
विद्यवान पं. महेंद्र तिवारी ने बताया कि चंद्रग्रहण के दौरान भगवान ग्रहों के प्रभाव से घिरे होते हैं. ऐसे में भजन-कीर्तन करना चाहिए. चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद स्नान जरूर करना चाहिए. तत्पश्चात भगवान का विशेष पूजन-अर्चन करना चाहिए. चंद्रग्रहण देर रात्रि में खत्म हो रहा है तो घर के मंदिर या पूजा गृह में भगवान की आराधना करनी चाहिए.
पं. महेंद्र तिवारी ने बताया कि चंद्रग्रहण खत्म होने के बाद अगर संभव हो तो दान इत्यादि करना चाहिए. दान करने से भगवान अति प्रसन्न होते हैं और मनोवांछित फल प्रदान करते हैं. वस्त्र, अनाज और आभूषण आदि दान करने पर अलग-अलग फल मिलते हैं.
पं. महेंद्र तिवारी ने बताया कि अगर आपकी कुंडली में चंद्रदोष है तो चाँदी के आभूषण या सिक्के दान करना चाहिए. ऐसा करने से आपका चंद्र ग्रह मजबूत होता है. मानसिक तनाव के साथ ही आपको ऐश्वर्य की भी प्राप्ति होती है. सामर्थ्य अनुसार अन्य आभूषणों को दान दे सकते हैं.
बताया कि चंद्रमा का रंग सफेद होता है. ऐसे में सफेद वस्तुओं का दान जरूर करना चाहिए. जो भी वस्तु या सामान दान करना हो, उसे ग्रहण शुरू होने से पहले ही स्पर्श कर लेना चाहिए. ग्रहण के बाद उसे दान देना चाहिए.
चंद्रग्रहण के दौरान अनाज का दान भी बहुत पुण्यदायी माना गया है. गेहूं हो या चावल हो. मूंग दाल या अन्य खाद्य सामग्री भी दान दे सकते हैं. ऐसी पौराणिक मान्यता है कि अन्न का दान देने से आपका भंडार कभी खाली नहीं होता है.
बताया कि चंद्रग्रहण के साथ ही पितृपक्ष शुरू हो रहा है. ऐसे में अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए गाय का दूध, गंगाजल, काला तिल और जौ आदि भी दान दे सकते हैं. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और आपको आशीर्वाद प्रदान करते हैं.