श्री प्रेमानंद जी महाराज अपने गहन आत्मिक अनुभव और नाम जप पर आधारित साधना के लिए प्रसिद्ध हैं. वे साधकों को आत्म-साक्षात्कार और ईश्वर से सीधा संबंध स्थापित करने की प्रेरणा देते हैं.महाराज जी का दर्शन सादगी, भक्ति और आंतरिक ध्यान पर आधारित है. वे बाहरी अनुष्ठानों से अधिक, भीतर की साधना पर जोर देते हैं. ऐसे में हाल ही में उन्होंने अपने प्रवचन में ये सभी को ये सलाह देते हुए कहा है कि यदि आपके आसपास ऐसे लोग हैं, जो ईश्वर का मनन नहीं करते तो उनसे अलग हो जाने में ही भलाई है. फिर वो चाहे आपका परिवार हो या प्रियतम, अकेले रहो और भक्ति मार्ग पर आगे बढ़ो तभी सफलता मिलेगी.
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प्रेमानंद महाराज ने बताया कब रहना चाहिए अकेले, क्या है फायदे
