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Gurudev Sri Sri Ravi Shankar : विटामिन W एक ऐसा मेंटल एलिमेंट है जो हमारे जीवन में बैलेंस, शांति और सकारात्मकता लाने में मदद करता है. अगर किसी व्यक्ति में यह कमी हो, तो हमें उसे समझने की जरूरत है और उसे सही मार…और पढ़ें

क्या है विटामिन W?
हाइलाइट्स
- विटामिन W मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है.
- विटामिन W की कमी से नकारात्मकता और आलोचना बढ़ती है.
- ध्यान, योग और आध्यात्मिक प्रैक्टिसेस से विटामिन W की कमी दूर होती है.
Gurudev Sri Sri Ravi Shankar : हम सभी जानते हैं कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन्स की कितनी जरूरत होती है. लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि मेंटल और इमोशनल हेल्थ के लिए भी कुछ विटामिन्स की जरूरत हो सकती है? जी हां, विटामिन W एक ऐसा ही “विटामिन” है, जो हमारे मेंटल और स्प्रिचुअल हेल्थ से जुड़ा हुआ है. इस विटामिन की कमी से हम अक्सर नकारात्मकता, घृणा और आलोचना जैसी मेंटल कंडिशन का सामना करते हैं. आइए, जानें कि यह विटामिन W क्या है और क्यों यह हमारी मेंटल हेल्थ के लिए इतना जरूरी है.
दरअसल श्री श्री रविशंकर जी के एक इवेंट में एक व्यक्ति ने सवाल किया था कि अगर फैमिली में कोई व्यक्ति टॉक्सिक मेंटेलिटी वाला है तो उससे कैसे बचें?
इस पर रवि शंकर जी ने कहा कि ऐसे लोगों को टॉक्सिक न कहें वे मांसिक और भावनात्मक रूप से बीमार होते हैं और उनमें विटामिन W यानी विसडम (समझ), विटामिन I यानी इंटेलिजेंस (बुद्धि) और विटामिन D यानी डाइविनिटी (दिव्यता) की कमी है.
विटामिन W: एक नया कॉन्सेप्ट
विटामिन W का मतलब शारीरिक विटामिन से नहीं है, बल्कि यह मेंटल और स्प्रिचुअल बैलेंस को बनाए रखने के एक प्रतीक के रूप में उभरकर आया है. जब हम किसी व्यक्ति को अक्सर नकारात्मक बातें करते, आलोचना करने या दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करते हुए देखते हैं, तो इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि उस व्यक्ति में विटामिन W की कमी हो. श्री श्री रविशंकर के अनुसार, ऐसी साइकलॉजी वाले लोग एक प्रकार की मेंटल और इमोशनल सिकनेस का शिकार होते हैं, जिसे ठीक करने की जरूरत होती है, न कि उन्हें दोषी ठहराने की.
विटामिन W की कमी का असर
विटामिन W की कमी का मतलब है कि व्यक्ति के अंदर दिव्यता, बुद्धि और समझ की कमी हो सकती है. जब इन गुणों की कमी होती है, तो वह व्यक्ति दूसरों को नकारात्मक रूप में देखता है. ऐसे लोग हमेशा अपने जीवन में संतुष्ट नहीं रहते और दूसरों में हमेशा कोई न कोई खामी ढूंढते रहते हैं. इनकी आलोचनाएं, नकारात्मक विचार और क्रिटिसिज़्म उनकी मेंटल स्थिति और स्प्रिचुअल अशांति को दर्शाते हैं.