Home Dharma जहानाबाद संगम घाट का इतिहास और आस्था का केंद्र, जानें खास बातें.

जहानाबाद संगम घाट का इतिहास और आस्था का केंद्र, जानें खास बातें.

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Jehanabad Sangam Nagri : जहानाबाद का संगम घाट दरधा और जमुना नदी के मिलन स्थल के रूप में आस्था का बड़ा केंद्र है, जहां छठ, दिवाली और श्रावणी मेला में हजारों श्रद्धालु जुटते हैं. आइये जानते हैं इसके महत्व के बारे में…

जहानाबाद : संगम नगरी का नाम आते ही सबसे पहले यूपी के प्रयागराज का ख्याल आता है. प्रयागराज संगम नगरी के नाम से पूरे विश्व में चर्चित है. जहां हर साल लाखों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने के लिए पहुंचते हैं. यह वही संगम है, जहां के महाकुंभ मेला का ध्यान दुनियाभर के लोगों को खींचा था. करोड़ों लोग यहां आकर स्नान किए थे. यहां लंबी-लंबी कतारें करोड़ों श्रद्धालुओं की लगी रहती थीं. ऐसा ही एक संगम बिहार के जहानाबाद में भी है. जिस प्रकार से प्रयागराज का संगम गंगा, जमुना और सरस्वती नदियों का है. ठीक उसी प्रकार से जहानाबाद का संगम दरधा और यमुना नदी का संगम है.

जहानाबाद के इस संगम घाट का इतिहास काफी पुराना है. यही कारण है कि यह आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है. शहर में सबसे ज्यादा आस्था की भीड़ भी यहीं उमड़ती है. यहां छठ हो या दीवाली या श्रावणी मेला, हर समय लोगों की भीड़ जुटी रहती है. दिवाली में तो यहां भव्य दीपोत्सव का भी आयोजन किया जाता है. शहर में आस्था का सबसे प्रमुख स्थान होने से ही यहां आस्था की भीड़ जुटी रहती है.

जहानाबाद के संगम का इतिहास

इस मंदिर के पुजारी अभिषेक कुमार का कहना है कि जहानाबाद के संगम का इतिहास भी काफी पुराना है. यह वही संगम हैं, जो दरधा नदी और जमुना नदी का मधुर मिलन करवाता है. जिला में संगम घाट आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. सावन हो या दिवाली या फिर छठ हर समय यहां हजारों की भीड़ जुटती है. अलग-अलग पर्व में अलग-अलग प्रकार के आयोजन होते हैं.

गुफा और रत्न भंडार का अदृश्य

उन्होंने कहा कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यताएं हैं कि यहां पर जब बाढ़ आती थी. पुराने जमाने के सिक्के सीढ़ियों पर आ जाते थे. इसका कारण यह है कि यहां पर रत्न भंडार दबे हुए हैं. इसके अलावा भी कुछ ऐसा रहस्य छुपा हुआ है, जो अब तक लोगों से अनभिज्ञ रहा है, जो यहां की दो गुफाएं हैं. ये गुफाएं एक तो जिले की प्रसिद्ध जगह बराबर की गुफाएं तक पहुंचती हैं और दूसरी राजगृह यानी राजगीर तक जाती है. ऐसी गुफाएं इसलिए थी कि जो भी संत महात्मा थे, वो तपस्या करने को सीधा यहां तक पहुंच जाते थे.

शहर का बना है प्रमुख सेल्फी पॉइंट्स

मान्यताएं कई और भी हैं, लेकिन यह कहा जा सकता है कि यह संगम घाट जिले के आस्था का सबसे बड़ा केंद्र है. यहां पर हर साल हजारों लोगों की भीड़ एकत्र होती है. हर बड़े पर्व में यहां लोग पहुंचते हैं. इतना ही नहीं, शांति और स्वच्छ हवा के लिए भी लोग शाम और सुबह पहुंचते हैं. सेल्फी पॉइंट्स के तौर पर भी संगम घाट काफी प्रसिद्ध होता जा रहा है.

Brijendra Pratap Singh

बृजेंद्र प्रताप सिंह डिजिटल-टीवी मीडिया में लगभग 4 सालों से सक्रिय हैं. मेट्रो न्यूज 24 टीवी चैनल मुंबई, ईटीवी भारत डेस्क, दैनिक भास्कर डिजिटल डेस्क के अनुभव के साथ संप्रति News.in में सीनियर कंटेंट राइटर हैं. …और पढ़ें

बृजेंद्र प्रताप सिंह डिजिटल-टीवी मीडिया में लगभग 4 सालों से सक्रिय हैं. मेट्रो न्यूज 24 टीवी चैनल मुंबई, ईटीवी भारत डेस्क, दैनिक भास्कर डिजिटल डेस्क के अनुभव के साथ संप्रति News.in में सीनियर कंटेंट राइटर हैं. … और पढ़ें

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बिहार में संगम नगरी… दरधा-यमुना नदी का है मिलन, उमड़ती आस्था की लहरें

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