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‘जानकारी गलत है’ Bharat.one ने दिखा दिया सही आंकड़ा तो भड़क गए कथावाचक! कहा…

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बालाघाट.  कथावाचक अनिकेत कृष्ण शास्त्री बालाघाट पहुंचे. इस दौरान वह लामता में होने वाली कथा की अपने आयोजकों से चर्चा की. इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत की. इस दौरान वह मीडिया पर ही भड़क गए. दरअसल, वह बता रहे थे कि हमारे देश में हर दिन डेढ़ लाख गायों को काटा जा रहा है. आजादी के समय देश में 78 करोड़ गौ वंश था और अब सिर्फ 17 करोड़ ही बचे है.

इस पर Bharat.one ने बताया कि 1951 में पशुगणना के मुताबिक उस समय देश भर में 11 करोड़ ही गौवंश था. इस बात पर वह भड़क गए और कहने लगे आप हमें झूठा बता रहे आपकी जानकारी गलत है.

Bharat.one ने अनिकेत कृष्ण शास्त्री से तीखे सवाल पूछें, जानिए उन्होंने क्या जवाब दिया

Bharat.one – आपमें दिव्य शक्तियां है आप पहले ही किसी घटना की भविष्यवाणी थी, जो सच हुई. ऐसे में सरकार और इंटेलिजेंस की मदद क्यों नहीं करते. इससे कभी कोई आतंकी घटनाएं नहीं होगी न ही हमारे देश के जवान होंगे.

अनिकेत कृष्ण शास्त्री-  उन्होंने Bharat.one के सवाल के जवाब पर कहा कि उन लोगों को 11 लौंग लेकर अर्जी लगाए उनका कल्याण कर देंगे. कई राजनेता हमारे दरबार आते हैं. लेकिन सब अपने स्वार्थ के सवाल पुंछते हैं. तबीयत और धन अर्जन को लेकर सवाल पूछते हैं. देश हित में कोई सवाल नहीं पुंछता. कोई देश के विकास या राज्य के विकास के बारे में नहीं पुंछता. अगर देश हित में सवाल पूछेंगे, तो हम बिल्कुल बताएंगे.मैं इस मंच से पूरे विश्व को चुनौती देता हूं.

Bharat.one – पास डेढ़ लाख गाएं रोज कट रही है, आपके पास ये डेटा कैसे आया?

अनिकेत कृष्ण शास्त्री- हम लोग आंकड़े लगाते है. 1947 में हमारे पूर्वजों की संख्या 30 करोड़ थी और गौ माता 78 करोड़ थी. अभी सिर्फ 17 करोड़ गाय बची है. आप घर जाकर गिनती लगाना कितनी गाएं कट रही है. हर दिन डेढ़ लाख गाये काटी जा रही इसलिए 78  करोड़ से अब सिर्फ 17 करोड़ गाय बची है. इसमें भी 40 प्रतिशत विदेशी नस्ल की गाय है.

Bharat.one – 1951 में जो पशुधन के आंकड़े आए, ये आपके आंकड़ों से अलग है.

(इस सवाल पर अनिकेत कृष्ण शास्त्री पूरी तरह भड़क गए और मीडिया पर ही भड़क गए और कहने लगे आप हमें झूठा बता रहे है.)

अनिकेत कृष्ण शास्त्री- ये सरकारी आंकड़े नहीं हो सकते हैं, कहां है हमें दिखाइए. (जब Bharat.one ने दिखाने की कोशिश को तो वह फिर भड़क गए.)

कैसे 11 करोड़ गाये हो सकती है. ये झूठ है हम नहीं मानते. उस समय 78 करोड़ गाये थी. ये कोई गिनती की बात है क्या. उन्होंने कहा कि ऐसी बातें बता कर क्या साबित करना चाहते हो तुम, हम लोगों को झूठा बताना चाहते हो. आपको सोच समझ कर बात बतानी चाहिए आपका दोहरा चरित्र है. 78 करोड़ गायों का प्रमाण देंगे आपको. 24 घंटे गौ भक्ति का नशा है हमें और आप हमारे आंकड़ों को झुठा बताएंगे. हम इस बात को इंटरनेशनल मीडिया को बताकर आए है, उन्होंने स्वीकार किया है इस बात को. चार पीठों के शंकराचार्य झूठ बोल रहे इसका मतलब…

अनिकेत कृष्ण शास्त्री के दावे की पड़ताल
उन्होंने आजादी के समय 78 करोड़ गाये होनी की बात कही थी. उनके दावों की पड़ताल के लिए हम लाइवस्टॉक सेन्सस की वेबसाइट पर गए .  पशुपालन विभाग के मुताबिक, सन 1951 में पशु गणना में जो आंकड़े आए वह अनिकेत कृष्ण शास्त्री के दावों से बिल्कुल उलट थे. 1951 में 155.3 मिलियन यानी 15 करोड़ 53 लाख मवेशी थे. इसमें भी 54.4  मिलियन यानी 5 करोड़ 44 लाख गाये थी. वहीं, भैंसों की संख्या 43.4 मिलियन यानी 4 करोड़ 34 लाख था. आपको बता दें कि भारत में पहली पशु गणना 1919-20 में हुई थी. इसके बाद से हर 5 साल में पशु गणना हो रही है.

Bharat.one – ये आंकड़े हम नहीं सरकार बता रही है…

अनिकेत कृष्ण शास्त्री- सरकार सब झूठ बोल रही है. अशोक स्तंभ के चार में से एक चिन्ह की सुरक्षा क्यों नहीं कर रही है सरकार. सिवनी में 25 टन गाय का मांस बरामद हो रहा है. उत्तर प्रदेश में 150 गाये काट कर फेंक दी गई. बड़े-बड़े धर्माचारी बनते है, कोई प्रेमानंद, कोई अनिरुद्धाचार्य बन रहे है, क्यों इनका खून नहीं खौल रहा है. इसके विरोध में 5000 गौसेवक गए तो, योगी आदित्यनाथ ने उन पर लाठियां बरसाई. ये सरकार का दोहरा चरित्र है.

Bharat.one – अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने धीरेंद्र शास्त्री को चुनौती दी थी, इस पर क्या कहेंगे.

अनिकेत कृष्ण शास्त्री- सिर्फ सनातनियों की जांच क्यों हो रही है. चादरी-पादरी की क्यों जांच नहीं हो रही है. हम जाने को तैयार है. दूसरी बात हम गूरू है, शिष्य नहीं . गुरु कभी परीक्षा नहीं देते.

4 पीढ़ीयों की जानकारी देने का देने का दावा करते हैं अनिकेत महाराज
दिव्य दरबार पर अनिकेत कृष्ण शास्त्री ने कहा कि 11 लौंग लेकर कोई भी हमारे पास आ सकता है. हम उसका पर्चा निकालकर उसकी पीढ़ियों की जानकारी उसे बता सकते हैं. वहीं, अगले महीने बालाघाट के लामता में कथा होनी है.

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