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तुलसी, पीपल और केला…क्यों पितृ पक्ष में इन पौधों को घर में लगाना इतना जरूरी, जानें सीक्रेट

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Pitru Paksha 2025 : इन पौधों को पितृ पक्ष में लगाने की परंपरा केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर है. पीपल प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है.

पितृ पक्ष हिंदू धर्म में पूर्वजों को समर्पित विशेष काल माना जाता है. इस समय पितरों की आत्मा की शांति और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए विभिन्न धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय किए जाते हैं. इन उपायों में पौधे लगाना सबसे सरल और प्रभावी माना गया है. घर में विशेष पौधे लगाने से न केवल वातावरण पवित्र होता है बल्कि पितरों की कृपा भी सहज रूप से प्राप्त होती है. तुलसी, पीपल और केले का पौधा इस काल में विशेष महत्त्व रखते हैं. यह पौधे घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मकता का संचार करते हैं.

तुलसी का पौधा भारतीय संस्कृति में अत्यंत पवित्र माना गया है. इसे देवी लक्ष्मी का स्वरूप कहा जाता है. पितृ पक्ष में तुलसी लगाना इसलिए शुभ माना जाता है क्योंकि यह वातावरण को शुद्ध करती है और आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाती है. तुलसी के पत्तों का प्रयोग धार्मिक कार्यों और अर्पण में किया जाता है जिससे पितरों की आत्मा संतुष्ट होती है. घर के आंगन या बालकनी में तुलसी लगाने से नकारात्मक शक्तियां दूर होती हैं. पितृ पक्ष में तुलसी का पूजन करने से घर में स्थायी शांति और समृद्धि आती है.

पीपल का वृक्ष सनातन परंपरा में देवताओं और पितरों का वासस्थान माना गया है. पितृ पक्ष में पीपल का पौधा लगाना विशेष पुण्यकारी कार्य होता है. इसकी छाया में बैठकर ध्यान और पूजा करने से मन की अशांति दूर होती है. मान्यता है कि पीपल वृक्ष से जुड़े देवता पितरों की आत्मा तक हमारी श्रद्धा पहुंचाते हैं. इस पौधे की स्थापना से घर का वातावरण दिव्य और शांत रहता है. पितरों की कृपा से परिवार में सुख-शांति और स्वास्थ्य बना रहता है. पीपल का वृक्ष सकारात्मक ऊर्जा का सबसे बड़ा स्रोत है.

केले का पौधा वैदिक काल से ही धार्मिक दृष्टि से पूजनीय है. इसे भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी से जोड़ा जाता है. पितृ पक्ष में घर पर केले का पौधा लगाना अत्यंत शुभ फलदायी होता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार पर समृद्धि का वास होता है. कई धार्मिक अनुष्ठानों में केले के पत्तों का उपयोग अर्पण के लिए किया जाता है. घर के आंगन या गमले में केले का पौधा लगाने से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है. यह पौधा शुभता और समृद्धि का प्रतीक है.

पितृ पक्ष का मुख्य उद्देश्य पितरों को प्रसन्न करना और उनका आशीर्वाद पाना होता है. तुलसी, पीपल और केले के पौधे लगाने से पूर्वजों की आत्मा प्रसन्न होती है और परिवार पर उनका आशीर्वाद बना रहता है. इन पौधों के माध्यम से व्यक्ति की श्रद्धा और भक्ति पितरों तक पहुंचती है. आशीर्वाद के प्रभाव से परिवार में प्रेम, सामंजस्य और समृद्धि बढ़ती है. यह पौधे घर में आध्यात्मिक शक्ति का संचार करते हैं. मान्यता है कि पितरों की कृपा से जीवन में आने वाली बाधाएं स्वतः दूर हो जाती हैं

आधुनिक जीवनशैली में घरों में नकारात्मक ऊर्जा का वास देखा गया है. पितृ पक्ष में पौधे लगाना इसका सर्वोत्तम उपाय है. तुलसी वातावरण को शुद्ध करती है, पीपल आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार करता है और केला घर में शुभता लाता है. इन पौधों की उपस्थिति से घर का माहौल सकारात्मक होता है और परिवार के सदस्य मानसिक शांति का अनुभव करते हैं. नकारात्मक ऊर्जा दूर होने से घर में प्रेम और सौहार्द बना रहता है. पितरों का आशीर्वाद भी इन पौधों के माध्यम से सहजता से प्राप्त होता है.

पौधों को पितृ पक्ष में लगाने की परंपरा केवल धार्मिक आस्था से जुड़ी नहीं है बल्कि इसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी हैं. तुलसी औषधीय गुणों से भरपूर है और वातावरण को शुद्ध करती है. पीपल वृक्ष प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन छोड़ता है जिससे स्वास्थ्य बेहतर रहता है. केले का पौधा पोषण और समृद्धि का प्रतीक है. धार्मिक मान्यताओं के साथ-साथ ये पौधे हमारे जीवन को वैज्ञानिक रूप से भी लाभ पहुंचाते हैं. पितृ पक्ष में इन्हें लगाना हमें आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों रूपों में लाभकारी होता है.

पितृ पक्ष के दौरान पौधरोपण करना केवल एक परंपरा नहीं बल्कि पूर्वजों को श्रद्धांजलि देने का दिव्य माध्यम है. तुलसी, पीपल और केले का पौधा लगाने से पितरों की आत्मा को शांति और परिवार को आशीर्वाद मिलता है. इन पौधों से वातावरण पवित्र, ऊर्जा से भरपूर और घर समृद्ध होता है. धार्मिक मान्यता हो या वैज्ञानिक दृष्टिकोण, दोनों ही पक्ष से यह कार्य श्रेष्ठ है. इसलिए पितृ पक्ष में इन पौधों को अवश्य लगाना चाहिए. यह परंपरा आने वाली पीढ़ियों के लिए भी प्रेरणादायी बन सकती है.

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तुलसी, पीपल और केला…जानें क्यों पितृ पक्ष में इन पौधों को लगाना इतना जरूरी

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