सहस्त्रानन रावण का बड़ा भाई था.हालांकि वह रावण का सगा भाई नहीं था.
Sahastranan Se Mata Sita Ka Yuddha : हिंदू धर्म के धार्मिक पुराणों और ग्रंथों में अनेक ऐसे रहस्यमय और शक्तिशाली पात्रों का उल्लेख मिलता है, जिनका जीवन और काम भारतीय संस्कृति और धर्म के बारे में गहराई से समझाता है. उन्हीं में से एक पात्र है सहस्त्रानन, जो एक शक्तिशाली राक्षस था, और जिसका सामना माता सीता ने किया था. जैन रामायण के अनुसार, सहस्त्रानन एक भयंकर राक्षस था, जो रावण का भाई था. इस लेख में हम जानेंगे भोपाल निवासी ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे से कि कैसे और क्यों माता सीता को सहस्त्रानन से युद्ध करना पड़ा और किस प्रकार उन्होंने उसे पराजित किया.
क्यों किया था माता सीता ने सहस्त्रानन से युद्ध?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, सहस्त्रानन रावण का बड़ा भाई था, हालांकि वह रावण का सगा भाई नहीं था, फिर भी रावण से उसे गहरा प्रेम था. रावण के पास असुर शक्तियां थीं, लेकिन सहस्त्रानन के पास उससे कहीं अधिक शक्तिशाली और भयंकर अस्त्र-शस्त्र थे. रावण के 10 सिर थे, वहीं सहस्त्रानन के सिरों की संख्या हजार से भी अधिक थी. यह राक्षस अपनी दिव्य और दानवीय शक्तियों से संपूर्ण संसार में आतंक फैलाने में सक्षम था.
जब रावण को भगवान राम ने युद्ध में पराजित कर दिया और विभीषण को लंका का राजा बना दिया, तो सहस्त्रानन ने यह ठान लिया कि वह भगवान राम से इसका बदला लेगा. वह अयोध्या आया और अपने छल-कपट से अयोध्या को नष्ट करने की कोशिश की. लेकिन उसे हर बार हनुमान ने विफल कर दिया. अंत में, उसने प्रभु राम को चुनौती दी और युद्ध के लिए ललकारा. भगवान राम ने चुनौती स्वीकार की, लेकिन जब युद्ध के दौरान सहस्त्रानन ने खुद को हारते हुए पाया, तो उसने ब्रह्म देव के दिव्यास्त्र का प्रयोग किया.
माता सीता का रौद्र रूप
भगवान राम ने ब्रह्म देव के अस्त्र के सम्मान में अपने अस्त्र को नीचे रख दिया. इस स्थिति में माता सीता ने युद्ध में भाग लिया. अपनी रौद्र शक्ति से, उन्होंने सहस्त्रानन का सामना किया और उसे पराजित किया. माता सीता ने सहस्त्रानन का वध किया. ये उनके अद्वितीय साहस, शक्ति और दिव्य कृपा का प्रतीक माना जाता है.
FIRST PUBLISHED : January 6, 2025, 09:47 IST