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धर्म की रक्षा के लिए आज भी जीवित हैं रावण के भाई विभीषण, जानिए क्या कहते हैं धार्मिक ग्रंथ, 8 चिरंजीवी में से हैं एक

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हाइलाइट्स

आठ विभूतियां ऐसी हैं जो अनंतकाल तक पृथ्वी पर सश​रीर जीवित रहेंगी. इनमें अश्वथामा, बलि, वेद व्यास, हनुमान जी, विभीषण, कृपाचार्य, भगवान परशुराम और चिरंजीवी मार्कण्डेय ऋषि शामिल हैं.

Vibhishan Still Alive : विभीषण, आपने यह नाम तो सुना ही होगा जिसकी वजह से पूरी लंका का संहार हो गया और जिसकी वजह से रावण का अंत हुआ. हालांकि, यह सब विभीषण ने धर्म की रक्षा के लिए किया. क्योंकि, रावण अधर्मी था और विभीषणी धर्मी. वह भगवान राम के बड़े भक्तों में से एक माने जाते हैं. ऐसा कहा जाता है कि आज भी विभीषण धर्म की रक्षा के लिए इस पृथ्वी पर किसी ना किसी रूप में जीवित हैं.

पुराणों की मानें तो कुल आठ विभूतियां ऐसी हैं जो अनंतकाल तक पृथ्वी पर सश​रीर जीवित रहेंगी. इनमें कईयों के नाम रामायण तो कई विभूतियों के नाम महाभारत से शामिल हैं. चिरंजीवियों में अश्वथामा, बलि, वेद व्यास, हनुमान जी, विभीषण, कृपाचार्य, भगवान परशुराम और चिरंजीवी मार्कण्डेय ऋषि शामिल हैं. फिलहाल, इस आर्टिकल में जानेंगे विभीषण के बारे में भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

विभीषण हैं चिरंजीवी
भगवान राम ने जिस पापी और अधर्मी रावण को मारा, वह विभीषण का बड़ा भाई था. विभीषण का नाम आज भी अजर और अमर है, हालांकि ये बात अलग है कि उनका नाम हमेशा कुलघाती के रूप में लिया जाता है. लेकिन यह भी सही है कि उन्होंने राक्षस कुल में जन्म लेने के बावजूद हमेशा धर्म का समर्थन किया और परिवार से अधिक नीति को अपनाया.

रामायण में हम सबने पढ़ा है कि राक्षसों के बीच लंका में विभीषण भगवान राम का नाम जपता रहता था और भगवान राम ने जब धर्म के लिए युद्ध लड़ा तो राक्षस कुल में जन्म लेने के बावजूद विभीषण ने धर्म का साथ दिया और इस बड़े युद्ध में रावण को भगवान राम की शरण में जाने के लिए कहा था, लेकिन उनकी इस बात को नकारते हुए रावण ने विभीषण को ​दुर्व्यवहार करते हुए लंका से निकाल दिया था.

इसके बाद विभीषण ने धर्म युद्ध में श्रीराम का साथ दिया और रावण के मरने का राज श्रीराम को बताया, जिससे प्रभु ने रावण को मार गिराया और फिर लंका विभीषण को सौंपी. इतना ही नहीं उन्होंने विभीषण को अनंत काल तक धर्म की रक्षा का कर्तव्य भी दिया. यही कारण है कि, भगवान राम के आशीर्वाद से विभीषण आज 8 चिरंजीवियों में शामिल हैं और धरती पर जीवित माने जाते हैं.

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