देवघर. पितृपक्ष का अर्थ है वह पखवाड़ा जब हम शांत मन से अपने पितरों की आराधना और पूजा कर सकते हैं. पितृपक्ष की शुरुआत हो चुकी है. माना जाता है कि इन दिनों में हमारे पूर्वज धरती पर वास करते हैं, और जब हम उनकी मोक्ष के लिए श्राद्ध, तर्पण, और दान आदि करते हैं, तो वे प्रसन्न होकर हमें शुभ आशीर्वाद देते हैं और फिर विष्णु धाम चले जाते हैं. पितृपक्ष के दौरान कई बार मृत माता-पिता या पूर्वज सपने में आते हैं, जो महत्वपूर्ण संकेत देते हैं. देवघर के ज्योतिषाचार्य से जानिए इसके बारे में विस्तार से…
देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने बताया कि 17 सितंबर से पितृपक्ष शुरू हो चुका है और 2 अक्टूबर तक चलेगा. यदि इस दौरान किसी के सपने में मृत माता-पिता या पूर्वज उदास दिखें, तो यह संकेत है कि वे आपसे नाराज हैं. पितृपक्ष के समय पितृ धरती पर वास करते हैं और सपने के माध्यम से अपने परिवार से मिलने आते हैं. यदि वे उदास दिखाई दें, तो यह शुभ संकेत नहीं माना जाता है.
सपने में पितृ आने पर क्या करें
ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, यदि पितृपक्ष के दिनों में मृत माता-पिता या पूर्वज सपने में आते हैं, तो इसका मतलब है कि वे धरती पर वास कर रहे हैं और उनका तर्पण व श्राद्ध आवश्यक है. इन दिनों तर्पण करने के साथ-साथ अतिथि सत्कार करना, कौवे, गाय और कुत्ते को रोटी खिलानी चाहिए. ऐसा करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती है और पितृ प्रसन्न होकर स्वर्गवासी होते हैं.
FIRST PUBLISHED : September 20, 2024, 08:19 IST
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