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पुजारी ने जमीन बेचकर बनवाया था ये मंदिर…शनिदेव और हनुमान जी के एक साथ होते हैं दर्शन, मन्नत मांगने के लिए लगती है लाइन!

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Mandir Tat Baba Udasin Ashram: बहराइच जिले के झिंगहा घाट के पास स्थित शनिदेव भगवान का मंदिर भक्तों के लिए खास है. इस मंदिर में हर शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर पूजा अर्चना करते हैं. अपनी मनोकामनाओं की अरदास लगाते हैं. ऐसा माना जाता है शनि भगवान के दर्शन के बाद अगर हनुमान जी के दर्शन हो जाए तो बहुत शुभ होता है. इस मंदिर की एक खासियत है कि यहां जैसे ही आप शनिदेव के दर्शन करते हैं और पीछे घूमते हैं तो आपको पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन स्वतः हो जाते हैं.

विशेष पत्थर से बनी है शनि देव भगवान की मूर्ति
मंदिर टाट बाबा उदासीन आश्रम का निर्माण विशेष कारीगरों द्वारा और विशेष प्रकार के ग्रेनाइट पत्थर से भगवान शनिदेव की मूर्ति को तराशा गया है. यह मंदिर ब्रह्मदेव के वृक्ष के नीचे विराजमान है. मंदिर निर्माण से पहले कुछ विशेष समुदाय के लोग उल्टी-सीधी चीज खाकर इसी स्थान पर छोड़ दिया करते थे जिसको देखते हुए मंदिर के पुजारी वीरभद्र दास ने अपनी जमीन को बेचकर इस मंदिर का निर्माण कराने का फैसला लिया.

शनिदेव भगवान के सम्मुख विराजमान हैं हनुमान जी
आपको शनि देव भगवान के जिले में अनेकों मंदिर दिख जाएंगे. लेकिन हनुमान जी के सम्मुख शनिदेव भगवान का ये मंदिर शहर में इकलौता है. यहां शनिवार को मानो जैसे दीपावली जैसा माहौल होता है. भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर यहां दीप जलाते है और भगवान से मन्नत मांगते हैं. ऐसा माना जाता है सच्चे मन से शनिदेव भगवान जो भी भक्त यहां मनोकामना करता है भगवान उसकी मनोकामना जरूर पूरी करते हैं.

कैसे हुआ मंदिर का निर्माण?
पुजारी ने बताया कि मंदिर के निर्माण में अनेकों कठिनाई आई. पहले यहां लोग उल्टी-सीधी चीज खाकर गंदगी फैला दिया करते थे. फिर महाराज के स्वप्न में भगवान आए और उन्होंने शनि देव भगवान की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा करने को कहा और फिर महाराज ने अपनी जमीन को बेचकर भगवान की ग्रेनाइट पत्थर की मूर्ति बनवाकर नवरात्रि में प्राण प्रतिष्ठा कर दी. तब से लेकर आज तक यहां हर शनिवार को विशेष पूजा अर्चना होती है.

FIRST PUBLISHED : November 30, 2024, 11:00 IST

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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