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Kaushambi Hanuman Mandir: कौशांबी में हनुमान जी का मशहूर मंदिर है, जिसकी स्थापना 148 वर्ष पहले हनुमान निषाद ने की थी. चैत्र चौदस को हर साल यहां मेला लगता है और लोग श्रद्धा से पूजा करते हैं.
हनुमान जी
हाइलाइट्स
- हनुमान को गंगा में हनुमान जी की मूर्ति मिली.
- मूर्ति को चबूतरे पर विराजमान करने का निर्णय लिया.
- मूर्ति के स्थान पर हर साल चैत्र चौदस को मेला लगता है.
कौशांबी: कौशांबी में हनुमान जी का बड़ा ही मशहूर मंदिर स्थित है. इस मंदिर की मान्यता काफी है. इस मंदिर की स्थापना को लेकर काफी रोचक कहानी है. कौशांबी जिले के हब्बूनगर निवासी हनुमान नाम के एक व्यक्ति जो गंगा तालाब में मछली मारने का बड़ा शौक था. हनुमान गंगा घाट के किनारे निवासी हैं. प्रतिदिन की तरह मछली मारने जा रहे थे. तभी मछली मारने के दौरान गंगा जी में हनुमान जी की मूर्ति मिली और वह हनुमान जी की मूर्ति को उठाकर अपने घर की ओर चल दिए. रास्ते में खाई मिली और वहीं पर मूर्ति को रख दिया और हनुमान निषाद के मन में यह विचार आया कि एक चबूतरा बनवाकर हनुमान जी की मूर्ति को यहां पर विराजमान किया जाए. हनुमान निषाद ने चबूतरा बनवाकर तैयार किया तो हनुमान जी की मूर्ति को गांव के लोग देखने पहुंचे और मूर्ति को उठाने का प्रयास किया गया. तभी हनुमान जी की मूर्ति न उठने के बजाय उसी जगह पर समा गई.
मंदिर के पुजारी अनिल श्रीवास्तव ने बताया कि हनुमान निषाद नाम के व्यक्ति जो गंगा जी में मछली मारने गए थे, तो वही गंगा जी में उन्हें एक हनुमान जी की मूर्ति मिली. उस मूर्ति को लेकर आए और एक जगह पर रख दिया. उसने सोचा कि एक चबूतरा बनवाकर हनुमान जी की मूर्ति को विराजमान किया जाए. जब वह मूर्ति को दूसरे दिन उठाने के लिए पहुंचा तो वहीं पर हनुमान जी की मूर्ति जमीन में समा गई और वहीं पर उनका मंदिर तैयार किया गया. चैत्र माह के चौदस के दिन ही हनुमान जी की मूर्ति को विराजमान किया गया, जिससे चैत्र के चौदस को हर साल हनुमान जी के इस मंदिर में मेला लगता है. इस मूर्ति को लगभग 148 वर्ष पहले स्थापित किया गया था. तभी से यहां पर मेला लगना प्रारंभ हो गया है. ग्रामीण लोग पहुंचकर हनुमान जी के मंदिर में श्रद्धा से पूजा पाठ भी करते हैं.
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