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महाकाल नगरी उज्जैन: नवरात्रि के 9 दिनों तक नहीं होगी शयन आरती, जानें हरसिद्धि मंदिर की खासियत

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उज्जैन: महाकाल नगरी उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध हरसिद्धि शक्तिपीठ में शारदीय नवरात्रि को लेकर तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. 3 अक्टूबर को सुबह घटस्थापना के साथ नौ दिवसीय देवी आराधना का पर्व शुरू होगा. इस दौरान हर दिन माता हरसिद्धि का अभिषेक और विशेष शृंगार किया जाएगा, जिसमें देवी की प्रसन्नता के लिए विशेष पाठ और जप का आयोजन भी किया जाएगा.

नवरात्रि के नौ दिनों के दौरान माता हरसिद्धि शयन नहीं करतीं, इसलिए शयन आरती नहीं की जाएगी. मंदिर के पुजारी राजेश गोस्वामी ने इस विशेष परंपरा के बारे में विस्तार से जानकारी दी.

माता सती की दाहिनी कोहनी यहां गिरी थी
हरसिद्धि मंदिर, देश के 52 शक्तिपीठों में से एक है. पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता सती ने दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अग्निदाह किया था, तब शिव जी उनके शव को लेकर चले. जहां-जहां माता सती के अंग गिरे, वहां शक्तिपीठों की स्थापना हुई. उज्जैन में माता सती की दाहिनी कोहनी गिरी थी, जिसके कारण यहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई और इसे हरसिद्धि मंदिर के नाम से जाना जाता है. माता हरसिद्धि श्रीयंत्र पर विराजमान हैं और भक्तों को हर प्रकार की सिद्धि प्रदान करती हैं, इसलिए इन्हें “हरसिद्धि” कहा जाता है.

नौ दिनों तक नहीं होगी शयन आरती
हरसिद्धि मंदिर में नवरात्रि के दौरान देवी की शुद्ध सात्विक शाक्त पूजा की जाती है. नवरात्रि के इन नौ दिनों में माता को विशेष रूप से अनार के दाने, शहद और नवरात्रि की पूर्णाहुति पर अदरक का भोग लगाया जाता है. चूंकि माता हरसिद्धि नौ दिनों तक शयन नहीं करतीं, इसलिए इन दिनों शयन आरती नहीं की जाती है.

2000 साल पुरानी दीपमालाएं
हरसिद्धि मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता इसकी 2000 साल पुरानी दीपमालाएं हैं, जिनकी ऊंचाई 51 फीट है और जिनमें कुल 1011 दीप प्रज्वलित किए जाते हैं. इन दीपमालाओं को प्रज्वलित करने के लिए श्रद्धालु कई महीने पहले से बुकिंग करवाते हैं. दीपमाला प्रज्वलित करने पर लगभग 14,000 रुपये खर्च होते हैं. उज्जैन का जोशी परिवार पिछले 100 वर्षों से इन दीप स्तंभों को प्रज्वलित कर रहा है. प्रत्येक दीपमाला को जलाने में 4 किलो रूई और 60 लीटर तेल का उपयोग होता है.

5 मिनट में 1011 दीप प्रज्वलित
नवरात्रि के दौरान हरसिद्धि मंदिर में शाम 7 बजे आरती होती है. आरती से पहले 6 लोग दीप स्तंभों की सफाई और उन्हें प्रज्वलित करने की तैयारी में जुट जाते हैं. 1011 दीपों को 5 मिनट में प्रज्वलित कर दिया जाता है, और यह अद्भुत दृश्य देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु मंदिर में एकत्र होते हैं.

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