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Prayagraj Kumbh Mela 2025: महाशिवरात्रि का पर्व 26 फरवरी को मनाया जाएगा और इस दिन कुंभ मेले का समापन भी हो जाएगा. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 70 करोड़ से ज्यादा लोग कुंभ में स्नान कर चुके हैं. सपा अध्यक्ष अ…और पढ़ें

महाकुंभ का समापन महाशिवरात्रि को होगा
हाइलाइट्स
- महाशिवरात्रि पर कुंभ मेले में स्नान का है विशेष महत्व.
- कुंभ मेले की तारीख आगे बढ़ाई जाएगी या नहीं, जानें.
- 70 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु कुंभ में स्नान कर चुके हैं.
महाशिवरात्रि पर महाकुंभ का अंतिम स्नान किया जाएगा और इसी के साथ कुंभ मेले का समापन भी हो जाएगा. हालांकि साधु-संत, नागा साधु और कल्पवासी माघी पूर्णिमा के बाद ही अपने अपने स्थान पर जा चुके हैं. इसके बावजूद भी प्रयागराज महाकुंभ में स्नान के लिए अभी भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहते हैं और सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 70 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर भी चुके हैं. संगम पर स्थिति लगभग पांच प्रमुख घाटों पर नहाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. इधर कुंभ मेले की डेट को लेकर लोगों में कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है कि महाशिवरात्रि के बाद भी कुंभ मेला जारी रहेगा या समापन हो जाएगा. आइए जानते हैं ज्योतिषाचार्यों से जानते हैं कि कुंभ मेले की डेट को आगे बढ़ाया जा सकता है या नहीं…
एक महीने तक चलता है कुंभ मेला
महाकुंभ की डेट को शास्त्रों के अनुसार आगे बढ़ाया जा सकता है या नहीं, इसको लेकर ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी से बात की गई. उन्होंने बताया कि मूल रूप से कुंभ तब तक चलता है, जब तक सूर्य मकर राशि में रहते हैं और सूर्य एक राशि में लगभग एक महीने तक रहते हैं. यानी पौष पूर्णिमा से शुरू हुआ कुंभ माघ पूर्णिमा तक चलता है लेकिन महाशिवरात्रि तक स्नान करना वैध माना जाता है क्योंकि यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का प्रतीक होता है. हालांकि महाशिवरात्रि केवल शिव विवाह तक ही सीमित नहीं है क्योंकि इस दिन शिव के निराकार स्वरूप का उद्गम भी हुआ था. इस दिन कुंभ में स्नान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है.
कुंभ मेले की नहीं बढ़ाई जाएगी डेट
ज्योतिषाचार्य राकेश चतुर्वेदी ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, कुंभ मेले की डेट को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता क्योंकि ऐसा किसी भी शास्त्रों व पुराणों में विधान नहीं है. मूल रूप से कुंभ पौष पूर्णिमा से शुरू होकर माघ पूर्णिमा यानी एक महीने तक चलता है लेकिन महाशिवरात्रि के दिन कुंभ मेले में अमृत स्नान करना वैध माना जाता है. वहीं सरकार की तरफ से भी कुंभ मेले की तारीख को आगे बढ़ाने को लेकर कोई आदेश जारी नहीं हुआ है. साथ ही प्रयागराज के डीएम रवींद्र मांदड से महाकुंभ मेले के विस्तार को लेकर बात की गई है तो उन्होने सोशल मीडिया पर चल रहीं अफवाहों का खंडन किया है. डीएम ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि इस तरह की अफवाहों पर ध्यान ना दें क्योंकि शासन और प्रशासन की ओर से महाकुंभ मेले की अवधि बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है.
महाशिवरात्रि पर कुंभ मेले में स्नान का महत्व
महाकुंभ 2025 का अंतिम स्नान महाशिवरात्रि के दिन किया जाएगा. इस दिन लाखों की संख्या में भक्त त्रिवेणी संगम के तट पर पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाएं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, महाशिवरात्रि पर कुंभ मेले में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और मृत्यु उपरांत शिवलोक की प्राप्ति होती है. यही कारण है कि कुंभ मेले में स्नान करने के लिए देश-विदेश से करोड़ों की संख्या में साधु-संत संगम किनारे एकत्रित होते हैं. अगर कुंडली में पितृदोष बना हुआ है तो महाशिवरात्रि के दिन कुंभ मेले में स्नान करने मात्र से सभी तरह के दोषों से मुक्ति मिलती है और ग्रहों का शुभ प्रभाव भी मिलता है.
February 25, 2025, 11:45 IST
महाकुंभ का समापन महाशिवरात्रि को होगा? या आगे बढ़ेगी डेट और जारी रहेगा स्नान?