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Chittorgarh Matrikundiya Pilgrimage Site: चित्तौड़गढ़ जिले में स्थित मातृकुंडिया तीर्थ स्थल मेवाड़ का हरिद्वार माना जाता है. यह स्थल अस्थि विसर्जन और पितरों के तर्पण के लिए प्रसिद्ध है. मान्यता है कि भगवान परशुराम को अपनी माता की हत्या के पाप से मुक्ति इसी स्थान से मिली थी. यहां 25 छोटे-बड़े मंदिर और मंगलेश्वर महादेव मंदिर स्थित हैं.मातृकुंडिया में हर वैशाख पूर्णिमा, कार्तिक पूर्णिमा और हरियाली अमावस्या पर मेले लगते हैं.यहां 52 गेटों वाला बांध बनास नदी पर बना हुआ है.
चित्तौड़गढ़. राजस्थान का मेवाड़ अपनी प्राचीन परंपराओं और धरोहर के साथ विश्व भर में विशेष स्थान रखता है. आज हम आपको मेवाड़ के हरिद्वार के बारे में बताने जा रहे हैं. मान्यता है कि यहां अस्थि विसर्जन करने से दिवंगत आत्माओं को मोक्ष की प्राप्ति होती है. चित्तौड़गढ़ जिले की राशमी तहसील में हरनाथपुरा पंचायत में मातृकुंडिया तीर्थ स्थित है. मान्यता है कि यही वह स्थान है जहां भगवान परशुराम अपनी मां की हत्या के पाप से मुक्त हुए थे. मातृकुंडिया के जल में स्नान करने से उनके पाप धुल गए, अर्थात् भगवान परशुराम ने पाप से मुक्ति पाई. इसी कारण इस स्थान को मातृकुंडिया कहा जाने लगा.
दीप रंजन सिंह 2016 से मीडिया में जुड़े हुए हैं. हिंदुस्तान, दैनिक भास्कर, ईटीवी भारत और डेलीहंट में अपनी सेवाएं दे चुके हैं. 2022 से Bharat.one हिंदी में अपनी सेवाएं दे रहे हैं. एजुकेशन, कृषि, राजनीति, खेल, लाइफस्ट…और पढ़ें
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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.