कोल्हापुर की महालक्ष्मी, जिन्हें अंबा बाई कहा जाता है, केवल महाराज नहीं बल्कि पूरे भारत का शक्ति और श्रद्धा का केंद्र हैं. कहा जाता है कि यह वही शक्ति पीठ है जहाँ माता सती का त्रिनेत्र गिरा था और तभी से यहाँ आस्था की ज्योति कभी नहीं बुझती. इस मंदिर से जुड़ी एक अद्भुत परंपरा है जो हर साल दिवाली पर निभाई जाती है. तिरुपति से देवी अंबा बाई के लिए एक साड़ी भेजी जाती है. कथा के अनुसार, एक बार महालक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु से रूठकर तिरुपति छोड़कर कोल्हापुर आ गई थीं. तभी से हर दिवाली तिरुपति से एक साड़ी भेजी जाती है। देवी को मनाने की यह परंपरा सदियों से चल रही है और आज भी कायम है.