Home Dharma वाराणसी के मंदिरों में होगी धनवर्षा, नगर निगम के इस स्वच्छता प्लान...

वाराणसी के मंदिरों में होगी धनवर्षा, नगर निगम के इस स्वच्छता प्लान से 515 देवस्थलों को होगा सीधा फायदा

0


वाराणसी: काशी को मंदिरो का शहर कहा जाता है. यहां हर गली, मोहल्ले में देवी देवताओं के प्राचीन मंदिर हैं. इनमें कई मंदिर ऐसे हैं, जहां हर दिन हजारों लोगों की भीड़ होती है और वहां खास दिनों पर भक्तों का रेला लगा होता है. काशी के इन मंदिरों पर और डबल धनवर्षा होगी. वाराणसी नगर निगम ने इसका पूरा प्लान तैयार कर लिया है. जिसके तहत शहर के 515 बड़े मंदिरों की लिस्ट भी तैयार की गई है.

वाराणसी में स्वच्छता में लाएगा बढ़िया रैंकिंग
दरसअल, वाराणसी नगर निगम स्वच्छता रैंकिंग में सुधार और मंदिरों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर दिन निकलने वाले फूल माला और पूजा सामग्री से उन्हें आर्गेनिक खाद, अगरबत्ती और धूप बनाने की ट्रेनिंग देगा. इसके लिए जल्द ही इन मंदिरों के महंत और प्रबंधकों के साथ नगर निगम बैठक कर इसकी डिटेल रिपोर्ट भी साझा करेगा.

बढ़ेगी मंदिरों की आय
वाराणसी नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि काशी के मंदिरों से निकलने वाले पूजा अवशेष और फूल माला कूड़े में न जाएं और उसका दोबारा से प्रयोग हो सके. इसके लिए सभी मंदिरों को ट्रेनिंग दी जाएगी. ताकि वें अपने यहां से निकलने वाले पूजा अवशेष से आर्गेनिक खाद और अगरबती तैयार कर सकें. इसके लिए उन्हें कुछ एनजीओ से भी मिलवाया जाएगा. इसके अलावा जो बड़े मंदिर चाहेंगे. उन्हें इसके लिए प्लांट भी लगाना होगा. ताकि उनके यहां से निकलने वाले फूल माला का सही से निस्तारण हो सके. इससे मंदिरों की आय भी बढ़ेगी और शहर साफ और स्वच्छ भी रहेगा.

काशी विश्वनाथ पहले से इस फार्मूले पर कर रहा काम
डॉ. पीके शर्मा ने बताया कि काशी विश्वनाथ मंदिर इस फार्मूले पर पहले से ही काम कर रहा है. वहां से निकलने वाले फूल माला से वहां धूप अगरबत्ती और अन्य पूजा सामग्री तैयार होती है, जिससे मंदिर को भी आय होती रहती है.

हर दिन निकलता है इतना फूल माला
आकंडो के मुताबिक वाराणसी के सभी छोटे बड़े मंदिरों से हर दिन 5000 किलोग्राम फूल माला निकलता है. जबकि विशेष दिनों और खास पर्व पर यह पूजा अवशेष 10000 किलोग्राम तक पहुंच जाता है.

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version