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शारदीय नवरात्रि में क्यों बोए जाते हैं जौ? 9 दिन बाद क्या करें इन ज्वारे का? पंडित जी से जानें

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हाइलाइट्स

सृष्टि की रचना के बाद जो फसल सबसे पहले उगी वह जौ थी. यही कारण है कि, नवरात्रि में कलश स्थापना के दौरान जौ बोए जाते हैं.

Shardiya Navratri 2024 : शारदीय नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना के साथ ही हो गई है. इस दौरान घरों में जौ या ज्वारे भी बोए जाते हैं. जौ को पहली फसल का दर्जा मिला है और मान्यता है कि इसे बोने से सुख-समृद्धि और संपन्नता आती है. साथ ही जौ बोने से घर में मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद बना रहता है. धार्मिक मान्यता है कि सृष्टि की रचना के बाद जो फसल सबसे पहले उगी, वह जौ थी. यही कारण है कि नवरात्रि में कलश स्थापना के दौरान जौ बोए जाते हैं. लेकिन नवरात्रि संपन्न होने के बाद इन जौ का क्या किया जाए? आइए जानते हैं भोपाल निवासी ज्योतिषी एवं वास्तु सलाहकार पंडित हितेंद्र कुमार शर्मा से.

नवरात्रि के बाद जौ का क्या करें?
ऐसा माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान घर में बोई जाने वाली जौ को यदि बीमार व्यक्ति के पास रखा जाए तो उसे बीमारी से छुटकारा मिलता है. इसके अलावा आप जौ के बीजों को एक पीले कपड़े में बांधकर घर के मंदिर या पूर्व दिशा में भी रख सकते हैं.

घर में बोई हुई जौ के कुछ बीजों को आप नवरात्रि के बाद एक लाल कपड़े में बांधकर अपने घर की तिजोरी में रख दें. ऐसा करने से आपके पास धन लाभ के योग बनने लगेंगे. आप इन बीजों को तिजारी के अलावा पैसे रखने के स्थान या अपने पर्स में भी रख सकते हैं.

यदि आप घर में बोई हुई जौ के बीजों को अष्टमी और नवमी तिथि पर हवन करते समय आहुति के रूप में डालते हैं तो इससे आपको जीवन में मौजूद हर ​तरह की नकारात्मकता से मुक्ति मिलती है और यदि बुरी नजर लगी है तो वह भी दूर हो जाती है.

FIRST PUBLISHED : October 5, 2024, 08:53 IST

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