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श्रीनाथजी की हवेली में मदनोत्सव की रंगीन छटा, भक्ति रस में डूबे नजर आ रहे भक्त, चारों ओर बरस रहा आनंद

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Nathdwara Shrinathji temple:- नाथद्वारा श्रीनाथ जी की हवेली में मदनोत्सव मनाया जा रहा है. श्रीनाथ जी को रिझाने के लिए भक्त पूरे भक्ति भाव से आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं. यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. गु…और पढ़ें

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नाथद्वारा 

हाइलाइट्स

  • नाथद्वारा श्रीनाथजी की हवेली में मदनोत्सव मनाया जा रहा है
  • भक्त गुलाल और अबीर उड़ाकर भक्ति में लीन हो रहे हैं
  • दूर-दूर से हजारों भक्त नाथद्वारा पहुंच रहे हैं

उदयपुर:- नाथद्वारा श्रीनाथजी की हवेली में इन दिनों मदनोत्सव पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. होलाष्टक की शुरुआत के साथ ही भगवान श्रीनाथजी की सेवा में गुलाल, अबीर, चंदन और चौवा अर्पित किया जा रहा है. हवेली में हर दिन गार गायन, स्वांग (खेल) और रसिया गायन जैसे पारंपरिक आयोजन हो रहे हैं, जिससे पूरा माहौल भक्तिमय और आनंदमय हो गया है. इस उत्सव को देखने के लिए दूर-दूर से हजारों भक्त नाथद्वारा पहुंच रहे हैं. भक्त श्रीनाथजी को रिझाने के लिए पूरे भक्ति भाव से आयोजन में हिस्सा ले रहे हैं.

हवेली में प्रेम से भरे उत्सव का आनंद ले रहे भक्त
श्रीनाथजी की हवेली में चालीस दिवसीय मदनोत्सव के तहत डोल उत्सव से पहले भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. तिलकायत श्री और विशाल बाबा के निर्देशन में कुंज और गुलाल कुंड में विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है. इस दौरान भगवान को गुलाल, अबीर, चंदन और चौवा अर्पित किया जाता है. हजारों श्रद्धालु यहां आकर भक्ति में लीन होकर इस रंग और प्रेम से भरे उत्सव का आनंद ले रहे हैं.

श्रीनाथजी को रिझाने के लिए हो रहे आयोजन
आपको बता दें, कि होलकाष्टक के अवसर पर श्रीनाथजी को रिझाने के लिए खास आयोजन हो रहे हैं. इसमें बेठे और ठाड़े रसिया गायन, नवनीतप्रियाजी चौक में गार गायन और गुलाल कुंड में विशेष पूजा शामिल हैं. भक्तजन इन उत्सवों में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं और पूरे माहौल में भक्ति और आनंद की हवा बह रही है.

कामदेव और श्रीनाथजी की विजयगाथा
आपको बता दें, कि पुष्टिमार्गीय परंपरा के अनुसार, कामदेव इस दौरान भगवान श्रीनाथजी को अपने प्रभाव में लेने का प्रयास करते हैं. हर दिन अधिक सेवा और भक्ति के माध्यम से उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश होती है. लेकिन, भगवान श्रीनाथजी स्वयं निकुंज नायक हैं, और उन पर कोई भी विजय नहीं पा सकता, और आखिर में डोल उत्सव के दिन कामदेव अपनी हार स्वीकार कर लेते हैं और भगवान को चंदन की पत्तियों से बने झूले (डोल) में झुलाते हैं.

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
इस उत्सव को देखने के लिए दूर-दूर से हजारों भक्त नाथद्वारा पहुंच रहे हैं. गुलाल और अबीर उड़ाने, रसिया गायन सुनने और भक्ति में लीन होने का भक्तों में खास उत्साह देखने को मिल रहा है. पूरे पुष्टिमार्गीय संप्रदाय में इस आयोजन को लेकर भक्ति और उल्लास का माहौल बना हुआ है.

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श्रीनाथजी की हवेली में मदनोत्सव के दौरान भक्ति रस में डूबे भक्त, चारों ओर आनंद

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Bharat.one व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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