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संतोषी माता मंदिर में शुक्रवार की पूजा क्यों है खास? श्रद्धालुओं की उमड़ती भीड़ के पीछे छिपा है ये रहस्य!

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Santoshi Mata Mandir Mela Satna: सतना के बिरला रोड स्थित माँ संतोषी माता मंदिर में हर शुक्रवार भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. यहां हवन, भंडारा, मुंडन जैसे अनुष्ठान होते हैं. 50 वर्षों से लग रहे मेले में श्रद्धा…और पढ़ें

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शुक्रवार को सतना के इस मंदिर में लगता है भक्तों का मेला

हाइलाइट्स

  • सतना के संतोषी माता मंदिर में हर शुक्रवार भक्तों का मेला लगता है.
  • हवन, भंडारा, कनछेदन, मुंडन जैसे अनुष्ठान होते हैं.
  • 50 वर्षों से शुक्रवार को विशाल बाजार भी लगता है.

सतना. धार्मिक आस्था और भक्ति का संगम देखने को मिलता है सतना के इस प्रसिद्ध बिरला रोड स्थित माँ संतोषी माता के मंदिर में , जहां हर शुक्रवार को श्रद्धालुओं का मेला सा लग जाता है. इस दिन यहां भंडारा, हवन, कनछेदन, मुंडन जैसे कई हिंदू रीति-रिवाजों से जुड़े अनुष्ठान और कार्यक्रम संपन्न होते हैं.

इस मंदिर की एक खासियत यह भी है कि यहां शुक्रवार को लगभग 50 वर्षों से एक विशाल बाजार भी लगता आ रहा है. सुबह से ही मंदिर परिसर और आसपास के क्षेत्रों में दुकानें सजने लगती हैं जहां भक्त पूजा सामग्री, प्रसाद और अन्य वस्तुएं खरीदते हैं. मंदिर में दर्शन और पूजा के लिए दिनभर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है. शुक्रवार को मंदिर प्रांगरण केवल एक घंटे के लिए बंद रहता है, बाकी समय यहां भक्ति और श्रद्धा का माहौल बना रहता है.

भक्तों की आस्था और मान्यताएं 
Bharat.one से बातचीत में ग्राम बढ़खेरा निवासी रवि गौतम ने कहा \”पूजा करने तो लोग रोज़ आते हैं, लेकिन शुक्रवार के दिन माता की कृपा विशेष रूप से बरसती है. वहीं यहां के मेले में लगने वाली भीड़ देखने लायक होती है.

मुख्यत्यारगंज निवासी वीरू द्विवेदी ने इसे सतना के सबसे बड़े दार्शनिक स्थलों में से एक बताते हुए कहा, हर शुक्रवार को सैकड़ों श्रद्धालु यहां आकर हवन कराते हैं और संतोषी माता से मनोकामना मांगते हैं.

पहली बार आए श्रद्धालु बोले- अद्भुत अनुभव
पहली बार इस मंदिर के दर्शन करने आए एक दंपति ने Bharat.one से अपने अनुभव साझा करते हुए कहा हमने इस मंदिर की महिमा और शुक्रवार को इसकी विशेष मान्यता के बारे में सुना था इसलिए पूरा परिवार यहां आया. मंदिर का माहौल अलौकिक है और यहां आकर सुकून मिलता है.

आरती का समय और अन्य जानकारी  
मंदिर में भक्तों के लिए आरती का समय सुबह 6:30 बजे और शाम 7:30 बजे निर्धारित है. यदि आप भी इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं तो शुक्रवार का दिन सबसे उपयुक्त रहेगा.

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यहां शुक्रवार की पूजा क्यों है खास? भक्तों की भीड़ के पीछे छिपा है ये रहस्य!

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