Home Dharma सांवलिया सेठ मंदिर में छोटूलाल वाल्मीकि ने चढ़ाया चांदी का रावण पुतला

सांवलिया सेठ मंदिर में छोटूलाल वाल्मीकि ने चढ़ाया चांदी का रावण पुतला

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Agency:Bharat.one Rajasthan

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राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले के भादसोड़ा ग्राम में श्री सांवलिया सेठ के रूप में अवस्थित है. साल भर में यहां करोड़ों की संख्या में भक्त आते हैं और दिल खोलकर दान करते हैं.

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सांवलिया सेठ को चढ़ाया चांदी से बना हुआ रावण

हाइलाइट्स

  • भक्त ने सांवलिया सेठ को चांदी का रावण भेंट किया.
  • बारिश रुकने की मन्नत पूरी होने पर अनोखी भेंट चढ़ाई.
  • छोटूलाल को 2016 में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया.

उदयपुर. चित्तौड़गढ़ के सांवलिया सेठ मंदिर में रविवार को एक अनोखा दृश्य देखने को मिला, जब बड़ी सादड़ी के निवासी छोटूलाल वाल्मीकि ने भगवान को चांदी से बना 141 ग्राम का रावण का पुतला भेंट किया. भक्त ने यह भेंट पिछले साल दशहरा मेले में बारिश रुकने की मन्नत पूरी होने पर चढ़ाई.

छोटूलाल ने बताया कि 2024 में निंबाहेड़ा मेले के लिए उन्हें रावण के 76 फीट ऊंचे पुतले बनाने का टेंडर मिला था. लगातार बारिश के कारण उनके काम पर संकट आ गया था. उन्होंने भगवान सांवलिया सेठ से प्रार्थना की थी कि बारिश रुक जाए. चमत्कारिक रूप से तीन घंटे बारिश थम गई, जिससे रावण दहन सफलतापूर्वक हो सका. बाद में, उन्होंने अपनी मन्नत पूरी करने के लिए चांदी का रावण बनवाकर मंदिर में भेंट किया.

भगवान के प्रति आस्था
छोटूलाल का कहना है कि उनकी आर्थिक स्थिति पहले बहुत कमजोर थी, लेकिन सांवलिया सेठ की कृपा से अब वे ट्रांसपोर्ट व्यवसाय चला रहे हैं. उनकी सभी गाड़ियों पर भगवान का नाम लिखा है, और वे हर महीने दर्शन के लिए मंदिर आते हैं.

पत्नी की प्रेरणा से शुरू किया काम
छोटूलाल ने रावण पुतला बनाने की शुरुआत अपनी पत्नी किरण की प्रेरणा से की. एक मेले में रावण का पुतला देखकर उन्होंने इसे बेहतर बनाने का दावा किया था. उनकी पत्नी ने उन्हें इस चुनौती को स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने इस काम को अपना करियर बना लिया.

राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित
12 साल से रावण पुतले बनाने वाले छोटूलाल को 2016 में राष्ट्रीय पुरस्कार से भी नवाजा गया. वे हर साल लगभग 10 रावण पुतले बनाते हैं और निंबाहेड़ा, उदयपुर, नाथद्वारा सहित कई स्थानों पर यह काम कर चुके हैं. छोटूलाल के परिवार में उनकी दिव्यांग पत्नी और तीन बच्चे हैं. उनका सबसे छोटा बेटा शुभम सांवलिया सेठ का बड़ा भक्त है और हर धार्मिक आयोजन में उत्साह से भाग लेता है.

मंदिर प्रबंधन का स्वागत
सांवलिया सेठ मंदिर मंडल के सदस्य संजय मंडोवरा ने छोटूलाल की भेंट को स्वीकार कर उन्हें परंपरागत उपरणा ओढ़ाकर सम्मानित किया. इस भेंट ने मंदिर में श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया और भक्तों के बीच आस्था का नया उदाहरण पेश किया.

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मन्नत हुई पूरी, तो भक्त ने सांवलिया सेठ को भेंट किया चांदी का रावण

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