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ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह प्रत्येक वर्ष लगभग 12 बार राशि परिवर्तन करते हैं. सूर्य पिता के कारक माने जाते हैं और इनके गोचर का प्रभाव जातकों के जीवन पर गहरा पड़ता है. 16 नवंबर की दोपहर को सूर्य ग्रह मित्र मंगल की राशि में प्रवेश करेंगे, जिससे कुछ राशियों के जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी. आइए जानते हैं, कौन-कौन सी राशियों पर पड़ेगा इसका असर.
ग्रहों के राजा सूर्य का मंगल की राशि में प्रवेश होने वाला है. एक साल बाद होने वाला यह गोचर लगभग 30 दिनों तक रहेगा. ज्योतिष शास्त्र में सूर्य के राशि परिवर्तन को संक्रांति कहा जाता है. इस गोचर का असर सभी 12 राशियों पर पड़ेगा. कुछ राशियों के लिए यह शुभ रहेगा, तो कुछ राशियों को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.
ज्योतिष के अनुसार 16 नवंबर दोपहर 1:44 बजे सूर्य ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रवेश कर गोचर करेंगे. इस राशि परिवर्तन से कुछ राशियों के लिए शुभ समय आएगा, जबकि वृषभ, सिंह, वृश्चिक और कुंभ राशि वाले जातकों को सतर्क रहने की आवश्यकता होगी.
हरिद्वार के विद्वान ज्योतिषाचार्य पंडित श्रीधर शास्त्री के अनुसार, 16 नवंबर की दोपहर 1:44 बजे सूर्य ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. इस राशि परिवर्तन के दौरान वृषभ राशि से सप्तम भाव में सूर्य का गोचर जातकों के दांपत्य जीवन और व्यवसाय पर प्रभाव डाल सकता है. इसका परिणाम जीवनसाथी के स्वास्थ्य में समस्या, दांपत्य तनाव, व्यापार में रुकावट, डील का कैंसल होना या बिजनेस पार्टनर से विवाद के रूप में सामने आ सकता है. इस दौरान मानसिक शांति बनाए रखना और संयम रखना बहुत जरूरी है. पंडित श्रीधर शास्त्री बताते हैं कि सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करना और मंत्रों का जाप करना लाभकारी रहेगा.
सिंह राशि के जातकों के लिए भी 16 नवंबर को सूर्य का वृश्चिक राशि में गोचर सतर्क रहने की चेतावनी देता है. इस समय सूर्य का गोचर चतुर्थ भाव में होने से माता से जुड़ी समस्याएं, माता का स्वास्थ्य बिगड़ना और परिवार में मतभेद के कारण घर का माहौल तनावपूर्ण रह सकता है. चूंकि सिंह राशि के स्वामी सूर्य देव हैं, इसलिए इस गोचर के दौरान सूर्य के बीज मंत्र या वैदिक मंत्रों का नियमित जाप करने, साथ ही लाल रंग की वस्तुएं या वस्त्र दान करने से नकारात्मक प्रभाव कम किया जा सकता है. यह उपाय मानसिक शांति और पारिवारिक सुख बनाए रखने में सहायक साबित होगा.
वृश्चिक राशि के जातकों के लिए 16 नवंबर को सूर्य का गोचर सतर्कता की घंटी लेकर आ रहा है. ज्योतिषी गणना के अनुसार, सूर्य वृश्चिक राशि के प्रथम यानी लग्न भाव में प्रवेश करेंगे. इस समय जातकों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां, आंखों की समस्या, उदर विकार, स्वभाव में चिड़चिड़ापन और मानसिक अशांति जैसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है. इस अवधि में वाणी पर नियंत्रण रखना, सतर्क रहना और सूर्य ग्रह के वैदिक मंत्र का जाप करना नकारात्मक प्रभाव को कम करने में सहायक होगा.
ज्योतिषी गणना के अनुसार, सूर्य ग्रह 16 नवंबर की दोपहर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे. कुंभ राशि वाले जातकों के लिए यह गोचर दशम भाव पर होने के कारण करियर और व्यवसाय में चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है. ऑफिस में बॉस या वरिष्ठों से अनबन, कार्यक्षेत्र में आर्थिक परेशानियाँ और निर्णयों में बाधाएं जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं. इस समय सतर्क रहना बेहद जरूरी है. उपाय के तौर पर सूर्य के बीज मंत्र का रोजाना जाप करना और संबंधित वस्तुएं गरीब या जरूरतमंदों को दान करना लाभकारी रहेगा.
