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हिंदू धर्म में गुमनाम हैं ये 6 देवियां, कुछ जगहों पर ही हैं पूजनीय, एक तो करती हैं गांव की रक्षा

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हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना का महत्वपूर्ण स्थान है. हालांकि, कुछ देवियों को बहुत कम ही जाना जाता है. उनके बारे में बहुत कम ही जानकारी मौजूद है. यहां ऐसी ही कुछ देवियों के बारे में बताया जा रहा है जो अपने-अपने क्षेत्रों में पूजनीय हैं लेकिन व्यापक रूप से इनके बारे में कम जानकारी उपलब्ध है. आइए जानते हैं यहां…

कण्कि देवी
कण्कि देवी का उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में मिलता है. ये देवी ज्ञान, शक्ति और संरक्षण की प्रतीक मानी जाती हैं. दक्षिण भारत के कुछ हिस्सों में इनकी पूजा होती है. इनके मंदिरों में भक्त विशेष रूप से सुख-शांति और समृद्धि की कामना लेकर आते हैं.

खोडियार माता
गुजरात और राजस्थान में खोडियार माता की बहुत मान्यता है. उन्हें जल की देवी के रूप में पूजा जाता है. खोडियार माता के बारे में यह माना जाता है कि वे अपने भक्तों की हर विपत्ति से रक्षा करती हैं. खोडियार मंदिर सौराष्ट्र क्षेत्र में प्रमुख तीर्थस्थल है.

खिमज माता
खिमज माता राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में पूजनीय हैं. इन्हें विशेष रूप से खेती और मौसम से जुड़ी समस्याओं के समाधान के लिए पूजा जाता है. यह देवी गांवों के परिवारों की रक्षा करने वाली मानी जाती हैं.

कमलात्मिका देवी
कमलात्मिका देवी को धन, सौंदर्य और ज्ञान की देवी के रूप में पूजा जाता है. इनका संबंध तांत्रिक परंपरा से भी है, और वे साधकों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती हैं. कमलात्मिका देवी को विशेष रूप से कमल के फूलों से पूजा जाता है.

कात्यायनी देवी
कात्यायनी देवी को दुर्गा के छठे स्वरूप के रूप में पूजा जाता है. वे विशेष रूप से नवदुर्गा पर्व के दौरान पूजनीय होती हैं. यह माना जाता है कि उनकी पूजा करने से विवाह और परिवार से जुड़ी समस्याओं का समाधान होता है.

कूष्मांडा देवी
कूष्मांडा देवी को सृष्टि की रचना करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है. ये नवदुर्गा की चौथी स्वरूपा हैं. ऐसा कहा जाता है कि उनकी मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति हुई. इनकी पूजा खासतौर पर नवरात्रि के चौथे दिन की जाती है.

क्यों इनकी जानकारी है कम? 
इन देवियों की पूजा सीमित क्षेत्रीय दायरे में होती है. इनके बारे में जानकारी या तो लोककथाओं में छिपी हुई है या पीढ़ी-दर-पीढ़ी कहानी के रूप में बताई गई है. आधुनिक समय में इन देवियों के मंदिरों का प्रचार-प्रसार कम हुआ है, जिससे इनके बारे में जागरूकता घट गई. इन देवियों के बारे में जानना न केवल हिंदू धर्म की गहराई को समझने में मदद करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि हर देवी और देवता का अपना अलग महत्व और स्थान है. (TOI से इनपुट के साथ)

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