बुलंदशहरः बुलंदशहर छतारी अलीगढ़-अनूपशहर नेशनल हाईवे-93 से दो किमी दूर गांव चौढ़ेरा में मां विचित्रा देवी का विशाल मंदिर स्थित है. मां विचित्रा देवी से दूर-दूर के भक्तों की आस्था जुड़ी हुई है. मान्यता है की मां के दर्शन करने से श्रद्धालुओं की मनोकामना पूर्ण होती है. दूर दराज के श्रद्धालु मंदिर पर लगने वाले मेले लख्खी के नाम से जानते है. वहीं, मां विचित्रा देवी के मंदिर पर नवरात्री के नौ दिनों तक विशाल मेले का आयोजन किया जाता है और लाखों की संख्या मै श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं.
विचित्रा देवी मंदिर को चौढ़ेरे वाली मईया के नाम से भी जानते है. मंदिर में पूजा करने वाले पुजारी कन्हैया लाल बताते है कि वर्ष 1997 में मां विचित्रा देवी के विशाल मंदिर का निर्माण धनीराम गुरु नई दिल्ली वालों ने गांव पड्ररावल में करवाया था. उस समय लाला धनीराम को कोई भी काम सफल नहीं हो रहा था. जिसके बाद मां ने उन्हें दर्शन दिया. दर्शन देने के बाद उनके कार्य सफल हो गए. अपनी मनोकामना पूरी होने पर उन्होंने मां विचित्रा देवी के मंदिर को विशाल रूप देते हुए मंदिर का निर्माण कराया.
मातारानी के दर्शन वास्तविक रूप में पूरे माने जाते
माता विचित्रा देवी के मंदिर की खास विशेषता ये भी है कि मां विचित्रा देवी के मंदिर की पूजा के साथ-साथ बाबा हाथीमान की भी पूजा करना जरूरी होती है. मां विचित्रा देवी के मंदिर के पीछे के हिस्से को हाथीमान के नाम से जाना जाता है. मां के मंदिर के बाहर सीधे हाथ की तरफ एक हवनकुंड बना हुआ है. मां के दर्शन के बाद यदि श्रद्धालु हवनकुंड में सामग्री आदि चढ़ाता है तो उसके मातारानी के दर्शन वास्तविक रूप में पूरे माने जाते हैं कहा जाता है कि यहां से श्रद्धालु कभी भी खाली हाथ नहीं लौटा है.
FIRST PUBLISHED : September 26, 2024, 14:47 IST
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