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Chandra Grahan 2025: चंद्र ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियां क्यों होती है चरम पर? कैसे बचा जाए, जानें उपाय

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पाली: चंद्र ग्रहण को धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव वाला समय माना जाता है क्योंकि इस दौरान पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और राहु-केतु जैसे नकारात्मक ग्रहों का प्रभाव बढ़ता है. ऐसे में नकारात्मकता से बचने के लिए सूर्य और चंद्रमा की मूर्तियों को ढकने, तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल करने और सकारात्मक मंत्रों का जाप करने जैसे उपाय किए जाते हैं. यह नकारात्मक शक्तिया राहु और केतु के कारण होती है जो नकारात्मक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते है उसके चलते नकारात्मक शक्तियां इस दौरान हावी हो जाती है जिनका काफी विशेष ध्यान रखना चाहिए. वही ज्योतिष विशेषज्ञों की माने तो इन नकारात्मक ऊर्जा के बीच गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए.

वही साथ ही यह भी विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए कि इस दिन सूनसान जगह या फिर श्मशान इत्यादि नही जाना चाहिए क्योकि ऐसा करने पर आप बडी परेशानियों में फंस सकते है. जितना हो सके घर के अंदर ही रहकर भगवान का जाप करना चाहिए.

जाने किस तरह नकारात्मक ऊर्जा से करे बचाव
पंडित हरिभाई गोस्वामी ने इसके बचाव के उपायो को बताते हुए कहा कि ग्रहण की जो नकारात्मक ऊर्जा धरती पर पडती है. अलग-अलग राशियों पर इसका भार देखने को मिलता है. कुंभ राशि में इसका विशेष भार देखने को मिलता है जिसके चलते उनको नाम जप करना चाहिए. सूतक लगने के बाद कीर्तन करे या फिर दान पुण्य जरूरी रूप से करना चाहिए. सबसे बडा इसका उपाय है कि दान पुण्य ही सबसे बेहद जरूरी होता है जो हर नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव को कम करने का काम करता है. जिस तरह शनि की दशा होने पर तिल का और लोहे का दान करते है उसी प्रकार ग्रहण का जो भार होता है जिस राशि पर उनको उसी अनुरूप दान और कीर्तन करना चाहिए.

इसलिए हावी होती है नकारात्मक ऊर्जा
नकारात्मक ऊर्जा जैसे कोई छाया होती है उसी प्रकार से चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक गैस होती है जो वातावरण में फैल जाती है. धार्मिक कथाओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है, जो नकारात्मक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. पंडित हरिभाई गोस्वामी ने लोकल-18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियां हावी रहती हैं. इसलिए ग्रहण के समय कई सावधानियां बरतनी चाहिए. कहा जाता है कि ग्रहण के समय किसी भी सुनसान जगह या श्मशान न जाएं. घर में बने पूजास्थल को भी ग्रहण के दौरान ढककर रखें. ग्रहण समाप्ति पर पूजा स्थल को साफ कर गंगाजल का छिड़काव करें. देव मूर्तियों को भी गंगाजल से स्नान कराएं.

गर्भवती महिलाओं को रखना चाहिए खास ध्यान
धार्मिक कथाओं के अनुसार, चंद्र ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है, जो नकारात्मक शक्तियों का प्रतिनिधित्व करते हैं. धार्मिक कृत्य और सावधानी: चंद्र ग्रहण के दौरान घर के मंदिर को लाल या पीले कपड़े से ढकने, तुलसी और पीपल के पेड़ों को न छूने, नकारात्मक बातें करने वाले लोगों से दूर रहने और चाकू, सुई जैसी नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करने का सुझाव दिया जाता है. गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के समय घर से बाहर न निकलने और नुकीली वस्तुओं से दूर रहने की सलाह दी जाती है, ताकि बच्चे पर बुरा असर न पड़े.

सकारात्मक उपाय
ग्रहण के समय नकारात्मक शक्तियों से बचने और शुभता प्राप्त करने के लिए मंत्रों का जाप करना, गीता का पाठ करना और भगवान शिव की आराधना करना लाभकारी माना जाता है.

ग्रहण के समय न करें ये गलतियां
चंद्र ग्रहण के दिन या चंद्र ग्रहण के दौरान नकारात्मक जगहों पर न जाएं. इस दिन नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बढ़ जाता है. ये बुरी शक्तियां आप पर हावी हो सकती हैं. इससे आपके शारीरिक और मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है. चंद्र ग्रहण के दिन किसी से बहस या लड़ाई न करें. ऐसा करना आपको भारी पड़ सकता है. अगर गलती से किसी का दिल दुखा देते हैं, तो क्षमा याचना कर लें. इस समय शोर-गुल भी न करें. अनदेखी करने से घर की खुशियों पर ग्रहण लग जाता है. चंद्र ग्रहण के दौरान तामिसक चीजों का सेवन न करें और न ब्रह्मचर्य नियम को भंग करें.

ऐसा करने से व्यक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है. ऐसा करने से व्यक्ति को आने वाले समय में विषम परिस्थिति से गुजरना पड़ता है. व्यक्ति को दैवीय कृपा नहीं प्राप्त होती है.

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