भारत में 2022 के बाद सबसे लंबा चंद्रग्रहण
खगोलविदों के अनुसार, यह चंद्रग्रहण भारत में 2022 के बाद दिखाई देने वाला सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण रहा. इस दौरान लोगों ने करीब डेढ़ घंटे तक चांद के रंग और रूप में आए बदलावों को देखा. एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (एएसआई) की पब्लिक आउटरीच एंड एजुकेशन कमेटी (पीओईसी) की अध्यक्ष और नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स, पुणे में एसोसिएट प्रोफेसर दिव्या ओबेरॉय ने बताया कि इस तरह का अगला खगोलीय नजारा भारत में देखने के लिए लोगों को अब लंबा इंतजार करना होगा. उनका कहना है कि अगला पूर्ण चंद्रग्रहण 31 दिसंबर, 2028 को दिखाई देगा.

क्यों लाल-नीला दिखता है चांद?
वैज्ञानिकों का कहना है कि चंद्रग्रहण के दौरान पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है. इस दौरान सूर्य का प्रकाश सीधे चांद तक नहीं पहुंच पाता. पृथ्वी का वायुमंडल प्रकाश को मोड़ देता है और केवल लाल तथा नीली रोशनी ही चांद तक पहुंच पाती है. यही वजह है कि कभी वह लाल “ब्लड मून” तो कभी नीला “ब्लू मून” नज़र आता है.
धार्मिक महत्व और परंपरा
भारतीय परंपरा में चंद्रग्रहण को विशेष महत्व दिया गया है. ग्रहण लगने से पहले सूतक काल का पालन किया गया, जिसमें धार्मिक आयोजन, भोजन और पूजा-अर्चना रोकी जाती है. ग्रहण खत्म होते ही कई स्थानों पर स्नान, दान और मंत्र जाप जैसे अनुष्ठान किए गए. राजस्थान समेत देश के कई राज्यों में मंदिरों के कपाट बंद रहे और लोगों ने ग्रहण खत्म होते ही शुद्धिकरण विधि पूरी की.
अगली खगोलीय घटनाएं
खगोलविदों के मुताबिक, अगला पुर्ण चंद्रग्रहण मार्च 2026 में होगा, जबकि आंशिक चंद्रग्रहण अगस्त 2026 में दिखेगा. हालांकि, भारत में पूर्ण चंद्रग्रहण का नज़ारा अब 2028 के आख़िर में ही देखने को मिलेगा.
इस तरह माना जा रहा है कि साल 2025 का अंतिम चंद्रग्रहण भारत के लिए सिर्फ एक खगोलीय घटना नहीं, बल्कि आस्था और विज्ञान का संगम भी रहा. आसमान में नीले चांद की झलक ने इसे और भी खास बना दिया. अब लोग बेसब्री से 2028 का इंतजार करेंगे, जब चांद फिर से अपनी अनोखी छवि दिखाएगा.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)