Home Dharma Deepawali 2025: 84 साल के बाद दिवाली के दिन बन रहा है...

Deepawali 2025: 84 साल के बाद दिवाली के दिन बन रहा है अद्भुत संयोग, इस मुहूर्त में करें पूजा, हर मुराद होगी पूरी

0


Last Updated:

Deepawali 2025: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस साल दीपावली के दिन अद्भुत संयोग भी बनने जा रहा है. जो दीपावली के दिन को और भी खास बना देता है. दीपावली के दिन क्या कुछ खास संयोग बनने जा रहा है जानते हैं देवघर के ज्योतिषाचार्य से?

देवघर. सनातन धर्म में कार्तिक माह की अमावस्या तिथि बहुत खास होती है क्योंकि इस दिन पूरे देश भर में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. लोग अपने घर में दीप जलाकर और पटाखे फोड़कर इस त्योहार का उत्सव धूमधाम से मनाते हैं. इसके साथ ही दीपावली के दिन शास्त्र के अनुसार मां लक्ष्मी भगवान गणेश और धन के देवता कुबेर की भी पूजा आराधना करते हैं. इससे घर में हमेशा धन की बरकत होती है और सुख समृद्धि की वृद्धि होती है.

देवघर के पागल बाबा आश्रम स्थित मुद्गल ज्योतिष केंद्र के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल ने Bharat.one के संवाददाता से बातचीत करते हुए कहा कि कार्तिक माह की अमावस्या तिथि के दिन दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल 2025 मे 20 अक्टूबर को दीपावली का त्योहार मनाया जाएगा. इस दिन बड़ी धूमधाम से मां लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा आराधना की जाती है. ऐसा करने से घर में मां लक्ष्मी की कृपा बरसती है और आर्थिक तंगी दूर होती है. इस साल दीपावली के दिन 84 साल बाद शुभ संयोग बनने जा रहा है.

क्या बन रहा है संयोग?
साल 1941 में दिवाली के दिन शिव वास योग का संयोग बना था. वहीं, 2025 में दिवाली के दिन शिव वास योग का संयोग बनेगा. वहीं, 1941 में चित्रा नक्षत्र का संयोग भी था. इस साल भी दीपावली के दिन चित्रा नक्षत्र के साथ वैधृति योग का संयोग है. कुल मिलाकर कहें तो 84 साल बाद समान दिन, नक्षत्र और योग में दिवाली मनाई जाएगी.

शुभ लग्न में करें पूजा, हर मुराद होगी पूरी
दीपावली के दिन अगर शुभ लग्न में धन के देवता कुबेर, मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा रन करते हैं तो हर मुराद पूरी होगी. दीपावली के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त कार्तिक अमावस्या तिथि यानी दिवाली पर पूजा के लिए शुभ समय संध्याकाल में 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है. वहीं, पूजा के लिए प्रदोष काल शाम 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 08 बजकर 18 मिनट तक है. जबकि, वृषभ काल शाम 07 बजकर 08 मिनट से लेकर 09 बजकर 03 मिनट तक है. निशिता काल में देवी मां लक्ष्मी की पूजा का समय रात 11 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक है. इस दौरान साधक सुविधा अनुसार समय पर देवी मां लक्ष्मी की पूजा और उपासना कर सकते हैं.

Mohd Majid

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f…और पढ़ें

with more than 4 years of experience in journalism. It has been 1 year to associated with Network 18 Since 2023. Currently Working as a Senior content Editor at Network 18. Here, I am covering hyperlocal news f… और पढ़ें

न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homedharm

84 साल के बाद दिवाली के दिन बन रहा है अद्भुत संयोग, इस मुहूर्त में करें पूजा

NO COMMENTS

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Exit mobile version