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Holika Dahan 2025 Bhadra Time: होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा, तब तक नहीं होंगे शुभ काम, देखें होली पूजा मुहूर्त

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Holika Dahan 2025 bhadra time: फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में होलिका दहन करते हैं. इस साल होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा रहेगी. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव…और पढ़ें

होलिका दहन पर 12 घंटे तक भद्रा, नहीं होंगे शुभ काम, देखें होली पूजा मुहूर्त

होलिका दहन 2025 भद्रा का समय.

हाइलाइट्स

  • इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को है.
  • होलिका दहन पर भद्रा सुबह से रात तक है.
  • होलिका दहन मुहूर्त या होली पूजा मुहूर्त 1 घंटा 4 मिनट का है.

इस बार होलिका दहन पर भद्रा का साया है. फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में भद्रा रहित मुहूर्त में होलिका दहन करते हैं. उस समय होली की पूजा होती है. इस साल होलिका दहन पर 12 घंटे 51 मिनट तक भद्रा रहेगी. इस वजह से कोई शुभ काम उस समय तक नहीं होंगे. वैसे भी उस वक्त होलाष्टक रहेगा, जो अशुभ माना जाता है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि होलिका दहन पर भद्रा कब से कब तक है? होली पूजा का मुहूर्त क्या है? भद्रा कौन हैं? क्यों भद्रा में शुभ कार्य नहीं करते हैं?

होलिका दहन पर भद्रा कब तक है 2025
पंचांग के अनुसार, इस साल होलिका दहन 13 मार्च गुरुवार को है. होलिका दहन के लिए जरूरी फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा तिथि 13 मार्च को सुबह 10 बजकर 35 मिनट से शुरू हो रही है. यह तिथि 14 मार्च शुक्रवार को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगी. होलिका दहन पर भद्रा 12 घंटे 51 मिनट तक की है. भद्रा सुबह में 10 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 11 बजकर 26 मिनट तक है.

होलिका दहन 2025 भद्रा पूंछ और मुख समय
होलिका दहन पर भद्रा की पूंछ- शाम 06:57 पी एम से रात 08:14 पी एम तक
भद्रा का मुख- रात 08:14 पी एम से रात 10:22 पी एम तक

होलिका दहन मुहूर्त 2025
13 मार्च को होलिका दहन का मुहूर्त या होली पूजा का मुहूर्त 1 घंटा 4 मिनट का है. उस रात भद्रा के समापन पर ही होलिका दहन किया जाएगा. होलिका दहन का मुहूर्त रात 11:26 पी एम से देर रात 12:30 बजे तक है.

भद्रा कौन हैं?
ग्रहों के राजा सूर्य देव की पत्नी का नाम छाया है. छाया से उनकी दो संतानें हुईं. एक शनि देव और दूसरी भद्रा. शनि देव की बहन भद्रा हैं. भद्रा का रंग काला है, उनके लंब बाल, बड़े दांत और रुप भयंकर है. भद्रा बचपन से ही बहुत चंचल और उपद्रवी स्वभाव की थीं. अपने जन्म के साथ ही भद्रा मांगलिक कार्यों में बाधाएं डालने लगीं. इससे लोग परेशान हो गए.

भद्रा में क्यों नहीं करते शुभ कार्य?
उनकी आदतों से परेशान होकर सूर्य देव ब्रह्मा जी के पास परामर्श के लिए गए. तब ब्रह्म देव ने भद्रा से कहा कि तुम बव, बालव, कौलव आदि करणों के अंत में निवास करो. जो तुम्हारे समय में मांगलिक कार्य करे तो उसमें विघ्न पैदा करो. जो तुम्हारा सम्मान न करे, तुम उसका काम खराब कर देना.

भद्रा ने ब्रह्माजी की बात मान ली. तब से जो भी व्यक्ति भद्रा के समय में कोई भी शुभ कार्य करता है, उसके काम में विघ्न और बाधाएं आती हैं.

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