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Premanand Ji Maharaj : बुरे विचारों को हटाना मुश्किल है, लेकिन उन्हें बदलना संभव है. प्रेमानंद जी महाराज की सीख यह बताती है कि प्रभु का नाम ही सबसे सरल और असरदार उपाय है.

प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन
हाइलाइट्स
- प्रभु का नाम लेने से बुरे विचार कम होते हैं.
- तनाव में न जाएं, प्रभु का स्मरण करें.
- मन को खाली न रखें, अच्छे विचारों से भरें.
Premanand Ji Maharaj : आज की दौड़ती भागती ज़िंदगी में हर किसी के मन में कभी न कभी बुरे विचार आ ही जाते हैं. कई बार ये इतने ज्यादा हो जाते हैं कि मन बेचैन हो जाता है, नींद उड़ जाती है और दिमाग में हर वक्त उथल पुथल मची रहती है. ऐसे समय में संतों की बातें राहत देती हैं और रास्ता दिखाती हैं. ऐसे ही एक संत हैं प्रेमानंद जी महाराज, जिनकी बातों में गहराई भी है और समाधान भी. अगर आप इसे रोज़ के जीवन में अपनाते हैं, तो धीरे धीरे बदलाव नजर आने लगेगा. मन शांत रहेगा, विचार अच्छे होंगे और जीवन में नई ऊर्जा का अनुभव होगा.
प्रेमानंद जी महाराज देश ही नहीं, विदेशों में भी जाने जाते हैं. उनके सत्संग में दूर दराज़ से लोग आते हैं. उनकी बातें सरल होती हैं लेकिन असर गहरा होता है. खासकर युवाओं के बीच उनकी काफी लोकप्रियता है. जो भी अपनी परेशानियां लेकर उनके पास जाता है, उसे साफ और सरल जवाब मिलता है. महाराज जी कहते हैं कि मन में उठते बुरे विचारों को रोका नहीं जा सकता, लेकिन उन्हें सही दिशा में मोड़ा जा सकता है.
उनका मानना है कि जब भी कोई बुरा ख्याल मन में आए तो घबराएं नहीं. सबसे पहले खुद को संभालें और तनाव न लें. क्योंकि जैसे ही आप तनाव में जाते हैं, वही विचार और गहराई से मन में बैठने लगते हैं. इसका सबसे अच्छा उपाय है, प्रभु का स्मरण.
प्रेमानंद जी कहते हैं, “जब मन अशांत हो, जब कुछ समझ न आए, जब रास्ता नजर न आए, उस वक्त सिर्फ एक ही सहारा है और वो है ईश्वर का नाम.” ईश्वर का नाम लेने से मन को राहत मिलती है. यह कोई कल्पना नहीं बल्कि अनुभव की बात है. जो भी इस रास्ते पर चला है, उसने महसूस किया है कि धीरे धीरे दिमाग शांत होने लगता है और नकारात्मक विचार कम होने लगते हैं.
अगर आप भी इन विचारों से परेशान हैं, तो एक आसान तरीका अपनाएं प्रभु का नाम लेना अपनी दिनचर्या में शामिल करें. सुबह उठते ही भगवान का नाम लें, रात को सोने से पहले भी. जब भी आप अकेले हों या मन भटक रहा हो, उस वक्त ध्यान को ईश्वर की ओर मोड़ें. इससे दिमाग भटकता नहीं और बुरे विचारों पर लगाम लगती है.
प्रेमानंद जी यह भी कहते हैं कि अगर मन खाली होगा, तो उसमें हर तरह के विचार आने लगते हैं. इसलिए अपने मन को खाली न रहने दें. कुछ अच्छा पढ़ें, अच्छे लोगों के बीच रहें और हो सके तो सत्संग सुनें. इससे सोच भी अच्छी बनेगी और जीवन में बदलाव खुद ब खुद आने लगेगा. (Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)