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Jaya Kishori Ki Badi Seekh: जया किशोरी के विचार हमें यह सिखाते हैं कि सफलता का रास्ता भीतर से निकलता है, बाहर से नहीं, अगर इंसान खुद को निखारने, अपनी कला को बढ़ाने और मेहनत करने पर ध्यान देगा, तो वह जीवन में बड़ी ऊंचाइयां छू सकता है, लेकिन अगर वह सिर्फ दिखावे में उलझा रहेगा, तो उसकी मंज़िल सामने होते हुए भी दूर रह जाएगी. सही सोच, मेहनत और ईमानदारी ही वह चाबी है, जो हर दरवाज़ा खोल सकती है.

Jaya Kishori Ki Badi Seekh: आज की तेज़ रफ्तार जिंदगी में हर कोई अपने सपनों को पूरा करना चाहता है. हर इंसान यह सोचता है कि वह जल्दी से जल्दी सफलता हासिल करे और समाज में नाम बनाए, लेकिन कई बार हम जाने-अनजाने ऐसी गलतियां कर बैठते हैं, जो हमें हमारी मंज़िल से भटका देती हैं. इन छोटी-सी लगने वाली गलतियों का असर इतना गहरा होता है कि मेहनत और काबिलियत होते हुए भी इंसान सफलता से दूर रह जाता है. युवाओं की प्रेरणा कही जाने वाली जया किशोरी ने अपने विचारों में खासतौर पर तीन ऐसी बड़ी गलतियों का ज़िक्र किया है, जिनसे बचना बेहद ज़रूरी है, अगर इंसान इन गलतियों को समझ ले और इन्हें दोहराने से बचे, तो उसका जीवन बदल सकता है.
3 Biggest Mistakes in the Path of Success
1. खुद को बेहतर बनाने की बजाय बेहतर दिखाने की कोशिश
आज के समय में लोग अपने असली व्यक्तित्व और गुणों पर काम करने की बजाय, सिर्फ बाहर से बेहतर दिखने की कोशिश में लगे रहते हैं. सोशल मीडिया ने इस प्रवृत्ति को और बढ़ा दिया है. तस्वीरें, स्टेटस और लाइक्स के चक्कर में लोग यह भूल जाते हैं कि असली विकास भीतर से आता है, अगर इंसान सिर्फ दुनिया को दिखाने में उलझा रहेगा तो वह अपनी काबिलियत को निखारने का समय ही नहीं निकाल पाएगा. यही सबसे बड़ी गलती है, जो किसी भी व्यक्ति को उसकी मंज़िल से दूर कर देती है.
आज के समय में लोग अपने असली व्यक्तित्व और गुणों पर काम करने की बजाय, सिर्फ बाहर से बेहतर दिखने की कोशिश में लगे रहते हैं. सोशल मीडिया ने इस प्रवृत्ति को और बढ़ा दिया है. तस्वीरें, स्टेटस और लाइक्स के चक्कर में लोग यह भूल जाते हैं कि असली विकास भीतर से आता है, अगर इंसान सिर्फ दुनिया को दिखाने में उलझा रहेगा तो वह अपनी काबिलियत को निखारने का समय ही नहीं निकाल पाएगा. यही सबसे बड़ी गलती है, जो किसी भी व्यक्ति को उसकी मंज़िल से दूर कर देती है.
2. बाहरी सुंदरता पर ज़्यादा भरोसा करना
सुंदरता आकर्षित ज़रूर करती है, लेकिन यह स्थायी नहीं होती. बाहरी रूप या आकर्षण इंसान को शुरुआती मौके दिला सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक टिके रहने के लिए असली पहचान उसकी मेहनत और गुण ही बनते हैं. जया किशोरी मानती हैं कि ज्ञान और कौशल कभी साथ नहीं छोड़ते, जबकि बाहरी सुंदरता समय के साथ ढल जाती है. इसलिए हमें अपनी ऊर्जा को दिखावे में नहीं, बल्कि आंतरिक गुणों और काबिलियत को निखारने में लगाना चाहिए. यही गुण हमें भीड़ से अलग पहचान दिलाते हैं.
सुंदरता आकर्षित ज़रूर करती है, लेकिन यह स्थायी नहीं होती. बाहरी रूप या आकर्षण इंसान को शुरुआती मौके दिला सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक टिके रहने के लिए असली पहचान उसकी मेहनत और गुण ही बनते हैं. जया किशोरी मानती हैं कि ज्ञान और कौशल कभी साथ नहीं छोड़ते, जबकि बाहरी सुंदरता समय के साथ ढल जाती है. इसलिए हमें अपनी ऊर्जा को दिखावे में नहीं, बल्कि आंतरिक गुणों और काबिलियत को निखारने में लगाना चाहिए. यही गुण हमें भीड़ से अलग पहचान दिलाते हैं.
3. सफलता को दिखावे से जोड़ना
आज के दौर में कई लोग यह सोच बैठते हैं कि महंगे कपड़े, गाड़ियां या सोशल मीडिया पर चमक-दमक ही सफलता की निशानी हैं. जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है. दिखावे के दम पर कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक टिक नहीं सकता. असली सफलता मेहनत, ईमानदारी और निरंतर प्रयास से मिलती है. जो लोग अपनी कला और मेहनत पर भरोसा करते हैं, वही असली मायनों में आगे बढ़ते हैं. यही वजह है कि दिखावे में उलझे लोग पीछे रह जाते हैं और मेहनत करने वाले उनसे बहुत आगे निकल जाते हैं.
आज के दौर में कई लोग यह सोच बैठते हैं कि महंगे कपड़े, गाड़ियां या सोशल मीडिया पर चमक-दमक ही सफलता की निशानी हैं. जबकि सच्चाई बिल्कुल अलग है. दिखावे के दम पर कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक टिक नहीं सकता. असली सफलता मेहनत, ईमानदारी और निरंतर प्रयास से मिलती है. जो लोग अपनी कला और मेहनत पर भरोसा करते हैं, वही असली मायनों में आगे बढ़ते हैं. यही वजह है कि दिखावे में उलझे लोग पीछे रह जाते हैं और मेहनत करने वाले उनसे बहुत आगे निकल जाते हैं.
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियां और सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं. Hindi news18 इनकी पुष्टि नहीं करता है. इन पर अमल करने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से संपर्क करें.)
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