पूर्णिया:- कार्तिक का महीना आते ही लोगों में उत्साह देखने को मिलता है. इस महीने में दिवाली छठ और देव उत्थान एकादशी कार्तिक पूर्णिमा सहित अन्य कई व्रत होते हैं. जानकारी देते हुए पूर्णिया के पंडित मनोत्पल झा कहते हैं कि धर्म शास्त्र के मुताबिक, कुल 27 नक्षत्र होते हैं, जिसमें खास भरनी नक्षत्र होता हैं. यह चंद्रमा के कारण मिलता है, जिसमें एक नक्षत्र भरणी नक्षत्र होता है. हालांकि एक नक्षत्र लगभग 24 घंटा से अधिक रहता है और भरणी नक्षत्र इस बार 15 नवंबर 2024 को आ रहा है. 15 नवंबर को भरनी नक्षत्र और कार्तिक पूर्णिमा सेमा चकेवा एक ही दिन होगा. हालांकि इस नक्षत्र का सभी नक्षत्रों मे बहुत खास महत्व हैं. इस दिन गंगा स्नान व गंगा किनारे दान पुण्य का बहुत शुभ फल मिलता है.
इसी दिन दीपों का दान या देव दिवाली
इस दिन कार्तिक शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा है, जो सबसे उत्तम समय माना जाता है. भरणी नक्षत्र में कार्तिक पूर्णिमा नक्षत्र का पूर्णिमा यह एक भाव उद्गार के रूप में मनाया जाता है. हालांकि इस दिन अगर आप काशी में जाएंगे, तो वहां देव दिवाली के रूप में मनाया जाता है, दीपों का त्यौहार मनाया जाता है. इस दिन सेमा चकेवा भी खेला जाता है. इसके साथ-साथ इस दिन गंगा स्नान का महत्व है. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति कार्तिक महीने के प्रत्येक दिन सूर्योदय से पूर्व गंगा स्नान करते हैं, तो हर मनोकामना पूर्ण होती है.
इस दिन सकरात्मक ऊर्जा का होता है संचरण
उन्होंने कहा कि इस दिन भगवान विष्णु स्वयं हमारे बीच में मौजूद रहते हैं, हमें आशीर्वाद देने के लिए पूर्ण रूप से तैयार रहते हैं. इस दिन सभी पापों की ऊर्जा समाप्त होती है. इस दिन सभी सकारात्मक ऊर्जा स्वचालित होने लगते हैं और नकारात्मक ऊर्जा दूर चली जाती है. देव उत्थान एकादशी के बाद ही कार्तिक पूर्णिमा मनाया जाता है, जो बहुत ही शक्तिशाली होता है. इसी दिन भगवान विष्णु का मत्स्य अवतार हुआ था. इसलिए इस दिन का धर्म शास्त्रों में बहुत विशेष महत्व है.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान व दान का महत्व
पंडित जी ने Bharat.one को आगे बताया कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान कर गंगा किनारे दीपों को प्रज्वलित कर दीपों का दान करना चाहिए. कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान करने के बाद पीला वस्त्र का दान करें, जिसमें सोना या स्वर्ण हो, पीला अन्न का दान करें, पीली वस्तुओं का दान करना अति लाभदायक होता है. ऐसा करने से भक्तों के ऊपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है. उन्हें धन्य-धान्य की कभी कमी नहीं होती है. ऐसा करने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी प्रसन्न रहती हैं और अपने भक्तों के सभी संकट दूर करते हैं.
FIRST PUBLISHED : November 13, 2024, 09:33 IST
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