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Kartik Purnima Kab Hai 2025 Date: कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करते हैं और उसके बाद दान करते हैं. हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा मनाते हैं. आइए जानते हैं कि इस साल कार्तिक पूर्णिमा कब है? कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
Kartik Purnima Kab Hai 2025 Date Muhurat: कार्तिक पूर्णिमा का स्नान, दान और व्रत हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को होता है. कार्तिक पूर्णिमा का स्नान पाप को मिटाने वाला और पुण्य फल प्रदान करने वाला है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करते हैं. उस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का आयोजन करते हैं, इससे परिवार में सुख, समृद्धि और शांति आती है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का व्रत, स्नान और दान सब एक ही दिन है. तिरुपति के ज्योतिषाचार्य डॉ. कृष्ण कुमार भार्गव से जानते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा कब है? कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान का मुहूर्त क्या है?
कार्तिक पूर्णिमा की तारीख
कार्तिक पूर्णिमा मुहूर्त
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान के लिए सबसे अच्छा समय ब्रह्म मुहूर्त 04:52 ए एम से 05:44 ए एम तक है. हालांकि उस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है.
- कार्तिक पूर्णिमा का दान स्नान के बाद करते हैं. कार्तिक पूर्णिमा पर लाभ-उन्नति मुहूर्त सुबह 06:36 ए एम से 07:58 ए एम तक है और अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त सुबह 07:58 ए एम से 09:20 ए एम तक है. इन दोनों ही शुभ समय में आप कार्तिक पूर्णिमा का स्नान और दान कर सकते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा पर लक्ष्मी पूजा मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा के दिन जिन लोगों को माता लक्ष्मी की पूजा करनी है, वे लोग शाम को 05:33 पी एम के बाद प्रदोष काल में करें. लक्ष्मी पूजा करने से आपके धन, संपत्ति और वैभव में बढ़ोत्तरी होगी.
सिद्धि योग में कार्तिक पूर्णिमा
इस बार की कार्तिक पूर्णिमा पर सिद्धि योग बन रहा है. सिद्धि योग प्रात:काल से लेकर दिन में 11 बजकर 28 मिनट तक है. उसके बाद व्यतीपात बनेगा. कार्तिक पूर्णिमा पर अश्विनी नक्षत्र सुबह 09:40 ए एम तक है, फिर भरणी नक्षत्र है, जो अगले दिन 6 नवंबर को सुबह 06:34 ए एम तक है.
कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रोदय
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से पाप मिटते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है.
- कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर व्रत रखकर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं. रात में चंद्रमा को अर्घ्य देते हैं. इससे परिवार में सुख, शांति, समृद्धि, धन, संपत्ति आती है.
- कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर देव दीपावली मनाते हैं. इसमें प्रदोष काल में भगवान शिव की पूजा करके दीप जलाते हैं.
- कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही गुरुनानक देव जी का जन्म हुआ था, इसलिए हर साल कार्तिक पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाते हैं.
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक…और पढ़ें
कार्तिकेय तिवारी Hindi Bharat.one Digital में Deputy News Editor के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में धर्म, ज्योतिष, वास्तु और फेंगशुई से जुड़ी खबरों पर काम करते हैं. पत्रकारिता में 12 वर्षों का अनुभव है. डिजिटल पत्रक… और पढ़ें
